सीकर. कोरोना काल की दूसरी लहर युवाओं पर भी बहुत घातक साबित हुई है। इस लहर में बहुत सारे युवाओं की मौत भी हुई है। राजस्थान के सीकर जिले के धोद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए न तो गांव वाले सामने आए, न रिश्तेदार और न ही मेडिकल टीम। जिसके बाद महिला के अंतिम संस्कार का जिम्मा संभाला धोद की तहसीलदार रजनी यादव ने। उन्होंने खुद पीपीई किट पहनकर महिला का अंतिम संस्कार करवाया।
हैरानी की बात ये है कि जब सूचना मिलने पर तहसीलदार मृतका के घर पहुंची तो वहीं उन्हें महिला के शव के पास उसके दो छोटे बच्चों के अलावा और कोई दिखाई नहीं दिया। दरअसल सीकर जिले के किरडोली इलाके में एक महिला की मौत हो गई। ये मामला कोरोना से जुडा़ है भी या नहीं, इसे स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है क्योंकि महिला का कोविड टेस्ट नहीं हुआ था। मौत के बाद मामले की जानकारी सरपंच द्वारा तहसीलदार रजनी यादव को दी गई।
रजनी यादव ने जब मृतका के घर पहुंचने के बाद विभिन्न विभागों के आलाधिकारियों को एंबुलेंस के लिए फोन किया तो कोई भी मदद नहीं की गई। कोरोना संदिग्ध होने की वजह से प्रशासन, मेडिकल से लेकर पुलिस तक सबने चुप्पी साध ली। सबने मदद की बात तो कही लेकिन एंबुलेंस नहीं भेजी गई। इसके बाद तहसीलदार ने मौके पर दिखाई दी एक कैंपर गाड़ी चालक को समझाया और किसी तरह से उसे राजी किया।
तहसीलदार ने गाड़ी चालक से खुद साथ चलने की बात कही, पीपीई किट मंगवाए, महिला के पति और बच्चों को सड़क पर ही पीपीई किट पहनवाए और खुद भी पहना। इसके बाद शव को ले जाकर अंतिम संस्कार करवाया। हैरान की बात ये है कि तहसीलदार रजनी यादव के वहां पहुंचते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मृतका के घर के आसपास जमा हो गए लेकिन किसी ने भी मदद का हाथ नहीं बढ़ाया। जब रजनी यादव पीपीई किट पहन रहीं थी सबने वीडियो तो बनाया लेकिन मदद के लिए हाथ फिर भी आगे नहीं बढ़े।