जयपुर. किसी भी राज्य में प्राकृतिक आपदा कभी भी आ सकती है। राजस्थान मे भी कई बार मूसलाधार बारिश के वक्त कई हादसे हो चुके हैं। ऐसे वक्त पर SDRF जवान मोर्चा संभालते है लेकिन अगर हम आपसे ये कहें कि राजस्थान पुलिस विभाग मे तैनात सैंकड़ों SDRF जवानों को ट्रेनिंग ही नहीं मिली है तो शायद आपको अजीब लगे, लेकिन ये सच है।
इंडिया टीवी को मिली दस्तावेजों के अनुसार, राजस्थान SDRF में कई जवान ऐसे हैं जिन्होंने आपदा बचाव के लिए आवश्यक ट्रेनिंग ही नहीं की है। SDRF में स्वीकृत कांस्टेबल के 800 पदों से 683 जवानों को ट्रेनिंग नहीं मिली है और उसकी सबसे बड़ी वजह है सरकार की तरफ से पैसा ही न मिल पाना। इंडिया टीवी के पास मौजूद दस्तावेजों में खुलासा हुआ है कि राजस्थान पुलिस मुख्यालय SDRF जवानों की क्षमता संवर्धन के लिए ट्रेनिंग की मांग कर रहा है और ट्रेनिंग मे लगभ डेढ़ करोड रुपये का खर्चा है। सरकार की तरफ से पैसा न मिल पाने की वजह से ये ट्रेनिंग हो ही नहीं पा रही है।
SDRF विभाग में क्या हालात है?
- डीप डाइविंग कोर्स में 254 ने ट्रेनिंग ली, लेकिन 429 प्रशिक्षण नहीं ले पाए
- एक्वेटिक डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स 527 ने किया, लेकिन 156 नहीं कर पाए
- इक्विपमेंट्स मेंटेनेंस TOT प्रशिक्षण महज 69 ही कर पाए, जबकि 614 को ज्ञान नहीं
- इक्विपमेंट्स मेंटेनेंस MOT भी महज 19 ही कर पाए, जबकि 664 प्रशिक्षण से अछूते रहे
- रोप रेस्क्यू कोर्स भी 284 ने किया, जबकि 399 नहीं कर पाए
- टेक्निकल रोप रेस्क्यू कोर्स महज 80 ही कर पाए, वहीं 653 नहीं कर पाए
आपको बता दें SDRF जवानों को जुलाई से सितम्बर तक मानसून पीरियड होने की वजह से कोर्स नहीं करवाया जाता। ऐसे में अक्टूबर से मार्च 2022 की अवधि में ये कोर्स जवानों को करवाए जा सकते हैं। जवानों की ट्रेनिंग के लिए लगभग डेढ़ करोड़ रुपये सरकार से मांगे गए हैं।
संकट के समय में कई बार मददगार साबित हुई है SDRF
- साल 2016 में कुल 28 रेस्क्यू घटनाएं की, जिनमें 319 को जिंदा बचाया, 12 डेडबॉडी निकाली
- साल 2017 में कुल 56 अभियानों में 656 व्यक्तियों को जिंदा निकाला, 59 शव निकाले
- साल 2018 में कुल 110 अभियानों में 56 व्यक्तियों को रेस्क्यू किय, 101 शव निकाले
- साल 2019 में कुल 251 घटनाओं में 6226 व्यक्ति जिंदा बचाए गए, 160 शव निकाले
- साल 2020 में कुल 421 अभियानों में SDRF ने 126 व्यक्ति जिंदा बचाए, 133 शव बरामद किए