Highlights
- आश्रम से होकर रास्ता देने के लिए बनाया गया था दबाव
- प्रदर्शनकारी साधुओं और ग्रामीणों का पुलिस पर पथराव
- पथराव में दो पुलिसकर्मियों समेत 20 लोग घायल हो गए
Saint Suicide: बीजेपी विधायक की ओर से जमीन के लिए दबाव बनाए जाने के कारण आत्महत्या करने वाले साधु का शव करीब 30 घंटे बाद शनिवार को पेड़ से नीचे उतारा गया। आरोप है कि विधायक ने एक रिजॉर्ट बनाने के लिए साधु से उसके आश्रम से होकर रास्ता देने के लिए दबाव बनाया था।
हालांकि, भीनमाल के विधायक पूराराम चौधरी की जमीन पर पीड़ित को दफनाने (समाधि देने) की अनुमति नहीं दिए जाने पर आत्महत्या की जगह पर प्रदर्शन कर रहे साधुओं और ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव किया। पथराव में दो पुलिसकर्मियों समेत 20 लोग घायल हो गए। वहीं, मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
पुलिस को शव को नीचे उतारने की अनुमति नहीं दी गई
जालोर के राजापुरा गांव में गुरुवार रात 60 वर्षीय रविनाथ का शव पेड़ से लटका मिला। आश्रम के साधुओं ने पुलिस को शव को नीचे उतारने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने मांग की कि साधु के सुसाइड नोट की सामग्री का पहले खुलासा किया जाए। पुलिस के मुताबिक, रविनाथ ने अपने सुसाइड नोट में विधायक पर आरोप लगाया है कि नेता ने उन पर अपनी जमीन तक जाने के लिए आश्रम से होकर रास्ता देने का दबाव बनाया।
विधायक की जमीन पर दफनाए जाने के लिए दिया गया जोर
पुलिस ने कहा कि शव को नीचे उतारे जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने शव विधायक की जमीन पर दफनाए जाने के लिए जोर दिया। लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी, जिसके बाद उन्होंने पुलिस पर पथराव किया। एसडीएम (जसवंतपुरा) राजेंद्र सिंह ने कहा कि अधिकारी प्रदर्शन कर रहे संतों के लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक चौधरी की जमीन तक आश्रम से होकर रास्ता देने की बात है, तो हम नियम एवं कानून के अनुसार जरूरी कार्रवाई करेंगे।
'मैंने इसके विपरीत अपनी जमीन आश्रम के लिए सौंप दिया'
इससे पहले विधायक ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने खुद रविनाथ के आश्रम के लिए जमीन सौंप दी थी। चौधरी ने कहा था, "आरोप झूठे हैं। मैंने इसके विपरीत अपनी जमीन आश्रम के लिए सौंप दिया है। मैं मामले की निष्पक्ष जांच का आग्रह करता हूं। यह मुझे हत्या का मामला लगता है और रविनाथ को न्याय मिलना चाहिए।"