जयपुर: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि राम मंदिर में दर्शन के लिए किसी निमंत्रण की जरूरत नहीं है। सचिन पायलट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि राम मंदिर में दर्शन के लिए किसी निमंत्रण की जरूरत नहीं है। जब भी मेरा मन करेगा, मुझे वहां जाना होगा, मैं मंदिर जरूर जाऊंगा। यह एक धार्मिक मुद्दा है और हमें इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। हम सभी भगवान राम में विश्वास करते हैं और विश्वास करते रहेंगे, लेकिन जिस तरह से बीजेपी राम मंदिर उद्घाटन का फायदा उठाना चाहती है, वह गलत है। भावनात्मक मुद्दों पर राजनीति करना गलत है। मुझे नहीं लगता कि इससे कोई खास फर्क पड़ेगा।
'चुनाव से पहले BJP ने बनाया था मंत्री, जनता ने कर दिया फैसला'
सचिन पायलट ने आगे कहा कि देश में जो संवैधानिक संस्थाएं हैं, उन पर लोगों को भरोसा होना चाहिए। चुनाव आयोग और अदालतों को निष्पक्ष दिखना चाहिए और निष्पक्षता से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ''हमने करणपुर में एक भाजपा उम्मीदवार को मंत्री बनाए जाने को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की थी। आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से किसी भी कर्मचारी का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है। आप किसी को नियुक्त नहीं कर सकते और भाजपा सरकार मंत्रियों की नियुक्ति कर रही थी। हमारे देश में ऐसा कभी नहीं हुआ।''
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने तो कुछ नहीं किया लेकिन जनता ने जो किया, वही अंतिम फैसला है। आप मतदाताओं को गुमराह नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन एनडीए को हराएगा।
भाजपा मंत्रियों की अंदरूनी कलह पर ली चुटकी
पायलट ने भाजपा मंत्रियों की अंदरूनी कलह पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि मंत्रियों को विभाग आवंटित करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। भाजपा के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा, जो भाजपा के लिए लड़े थे उन्हें बाहर कर दिया गया। भाजपा में लोग उम्मीद कर रहे थे कि नई सरकार में उन्हें कुछ पद दिए जाएंगे लेकिन उन्हें छोड़ दिया गया है। हम बाहर से जो देख रहे हैं वह यह है कि भाजपा से जुड़े उन लोगों के साथ न्याय नहीं किया गया जो पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
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