जयपुर. राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने हालिया सियासी घटनाक्रम को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं पर पलटवार करते हुए खुद को सबसे मजबूत योद्धा बताया और कहा कि वे विपक्ष के हमलों से सत्ता पक्ष को हर कीमत पर सुरक्षित रखेंगे। पायलट ने सदन में सरकार की ओर से लाए गए विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस के दौरान हस्तक्षेप करते हुए यह बात कही।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के प्रति बगावत के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। सदन में उनके बैठने की जगह भी बदल दी गयी। पहले वे सत्तापक्ष में मुख्यमंत्री के पास वाली सीट पर बैठते थे अब उन्हें ऐसी सीट दी गयी है जहां उनके एक और सत्ता पक्ष तो दूसरी ओर विपक्ष है। प्रस्ताव पर बहस के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने हालिया राजनीतिक व अन्य घटनाक्रम, पुलिस के विशेष कार्यबल द्वारा नोटिस दिए जाने सहित अनेक बातों में पायलट का जिक्र किया।
इस पर पायलट ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, "वह (राठौड़) बार- बार मेरा नाम ले रहे हैं। मैंने सोचा कि हमारे अध्यक्ष व मुख्य सचेतक ने मेरी सीट यहां क्यों रखी है? मैंने दो मिनट सोचा और फिर देखा कि यह सरहद है एक तरफ पक्ष है और दूसरी तरफ विपक्ष तो सरहद पर किसको भेजा जाता है। सबसे मजबूत योद्ध को भेजा जाता है।"
पायलट ने कहा, "आज इस विश्वास मत में जो चर्चा हो रही है, उसमें बहुत से बातें बोली गयीं, बहुत सी बातें बोली जाएंगी। समय के साथ साथ सब बातों का खुलासा होगा।"
उन्होंने कहा, "लेकिन मैं इतना कहना चाहता हूं कि जो कुछ कहना था, सुनना था, चाहे मैं हूं या मेरा कोई साथी हो हम लोगों को जिस डाक्टर के पास अपने मर्ज को बताना था वो बता दिया, इलाज कराने के बाद हम सब लोग आज सवा सौ लोग सदन में खड़े हैं। सदन में जब हम सब लोग आए हैं तो कहने सुनने वाली बातों से परे हटकर आज वास्तविकता पर ध्यान देना पड़ेगा।"
पायलट ने कहा, "हमने कल जब संकल्प लिया बैठकर बातें की और सारी बातें खत्म हो गयीं। जब आज हमने सदन में प्रवेश किया है तो इस सरहद पर कितनी भी गोलाबारी हो हम सब लोग और मैं कवच और ढाल, गदा और भाला बनकर यहां पर इसे सुरक्षित रखूंगा। ये मैं आपको बताना चाहता हूं।"
उल्लेखनीय है कि आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद ही पायलट व उनके खेमे के 18 विधायक बृहस्पतिवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल हुए। इससे पहले पायलट ने मुख्यमंत्री गहलोत से अलग से मुलाकात भी की थी। (भाषा)