जयपुर। कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें राजस्थान के उपमुख्यमंत्री पद तथा राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसका ऐलान किया है। सचिन पायलट के अलावा उनका साथ देने वाले सभी विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। हालांकि सचिन पायलट को अभी उपमुख्यमंत्री पद और पार्टी अध्यक्ष पद से हटाया गया है, लेकिन कांग्रेस पार्टी से उनकी सदस्यता रद्द नहीं की गई है। सचिन पायलट के साथ रमेश मीणा तथा विश्वेंद्र सिंह को भी मंत्री पद से हटा दिया गया है।
रणदीप सुरजेवाला ने घोषणा करते हुए बताया कि सचिन पायलट की जगह अब राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह को राजस्थान कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा युवा विधायक गणेश गोगरा को राजस्थान प्रांत युवा कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा हुई है तथा हेम सिंह शेखावत को राजस्थान प्रदेश सेवादल का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी तथा पार्टी नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में सचिन पायलट बागी मंत्रियों से तथा विधायकों से लगातार संपर्क की कोशिश की गई। शीर्ष नेतृत्व ने खुद सचिन पायलट से आधा दर्जन बार बात की गई, कार्यसमिति के 2 सदस्यों ने दर्जनों बार बात की, प्रभारी वेणुगोपाल जी ने अनेकों बार बात की। लेकिन इतनी बार बात होने पर भी सचिन पायलट नहीं माने हैं जिसकी जह से यह फैसला लिया गया है।
रणदीप सुरजेवाला ने सचिन पायलट पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से की गई मेहरबानियां भी गिनाई और कहा कि वे 2002 में राजनीति में आए 2004 में सांसद बनाया गया, सिर्फ 32 साल की उम्र में केंद्रीय मंत्री, 34 साल की उम्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद बनाया गया। सुरजेवाला ने कहा कि सिर्फ 40 वर्ष की उम्र में सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री बना दिया गया और उनके ऊपर सोनिया और राहुल गांधी जी का व्यकितगत सनेह था इसलिए यह हो सका।