4 फरवरी को हुआ मामले का खुलासा
अधिकारी केस के बारे मेंऔर जानकारी देते हुए बताया कि गबन की राशि से आरोपी हिस्ट्रीशीटर ने उदयपुर-नाथद्वारा रोड पर एक 'फार्म हाउस' खरीदा। उन्होंने बताया कि मामला उस समय सामने आया जब बैंक के एक ग्राहक के खाते से 4 फरवरी को 32 लाख रुपये निकाल लिये गये। अधिकारी के मुताबिक, बाद में जब बैंक के अन्य ग्राहकों के खातों की जांच की गई तो गबन की जानकारी हुई। उन्होंने बताया कि मामला सामने आने के बाद बैंक अधिकारियों ने 6 फरवरी को बैंक के मैनेजर प्रशांत काबरा के खिलाफ थाना धरियावद में मुकदमा दर्ज कराया।
हेराफेरी को यूं दिया जाता था अंजाम
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि जांच में पाया गया कि विभिन्न खाता धारक जब बैंक में FD और KCC करवाते थे तो आरोपी उन खातों पर 'ओवरड्राफ्ट लिमिट' बनाकर राशि को अपनी पत्नी दीपिका काबरा व जालम चंद जैन, उसकी पत्नी मन्जुला जैन, पुत्र राकेश जैन व उसकी फर्म पूजा कंस्ट्रक्शन के खातों में जमा कर गबन किया करता था। अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच के दौरान कुल 62 बैंक खातों को फ्रीज कर 62.71 लाख रुपये की राशि को होल्ड किया गया और आरोपी की निशानदेही से कुल 46 लाख रुपये जब्त किये गये। (भाषा)