जयपुर। राजस्थान में पहली नवंबर से गुर्जर आंदोलन को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने राज्य के 8 जुलों मे रासुका लागू कर दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी के बाद राज्य के गृह विभाग ने 8 जिलों के जिला कलेक्टरों को रासुका की पावर देने का आदेश जारी कर दिया है। राज्य सरकार ने भरतपुर, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, दौसा, टोंक, बूंदी और झालावाड में रासुका लगाने के निर्देश दिए गए हैं और संबंधित जिलों के जिला कलेक्टरों को 3 महीने के लिए यह पावर दी गई है।
राज्य सरकार ने आशंका जताई है कि पहली नवंबर से प्रत्सावित गुर्जर महापंचायत एक आंदोलन में परिवर्तित हो सकती है और गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में लोक व्यवस्था बाधित होने की पूर्ण आशंका है तथा आंदोलन उग्र हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए 8 जिलों में रासुका लगाया गया है। रासुका एक ऐसा एक्ट है जिसके जरिए पुलिस किसी भी पकड़े गए प्रदर्शनकारी को अधिकतम 1 साल तक जेल में रख सकती है।
राजस्थान में गुर्जर लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रहे हैं और इसी मांग को लेकर एक बार फिर से पहली नवंबर को गुर्जनर आंदोलन प्रस्तावित है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने शुक्रवार को आह्वान किया कि एक नवंबर को गुर्जर समाज के लोग पीलूकापुरा में पहुंचें। साथ ही, बैंसला ने गहलोत सरकार को 1 नवंबर को सुबह 10 बजे से प्रदेशभर में आंदोलन कर चक्का जाम करने की चेतावनी भी दे डाली थी।