जयपुर: कोरोना की दूसरी लहर राजसमंद जिले वासियों पर भारी पड़ रही है। जिले का ऐसा कोई गांव, कस्बा या मोहल्ला ना हो, जहां किसी की मौत ना हुई हो। लेकिन अब मौत के आंकड़ों को लेकर ही सरकारी दो विभागों में बड़ा अंतर सामने आ रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर कौन छिपा रहा है मौत के आंकड़े?
पिछले 13 माह में कोरोना से राजसमंद जिले भर में 65 मौतें हुई थी। लेकिन इस बार मई माह के 19 दिनों में ही 57 मौतें हो गई। मई माह राजसमंद के लिए बहुत ही घातक साबित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने 19 दिनों में महज जिले में 57 मौतों का आंकड़ा जारी किया, लेकिन अगर नगर परिषद राजसमंद अकेले की बात की जाए तो नगर परिषद ने महज 19 दिनों में 114 डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिए हैं जो स्वास्थ्य विभाग की झूठ की पोल खोलने में काफी है। राज्य सरकार द्वारा बताए जा रहे आंकड़े और श्मशान घाटों तक पहुंचने वाले शवों की संख्या में भी अंतर है। जिसका एक कारण इलाज के दौरान मौत होने और रिपोर्ट मौत के बाद आने को भी बताया जा रहा है, लेकिन इन सबके बीच नगर निगम में मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए हो रहे रजिस्ट्रेशन की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और ये आंकड़े 2020 की तुलना में कहीं ज्यादा और डराने वाले हैं।
मई माह में मौतों का आंकड़ा (स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े)
- 1 मई को 3,
- 2 मई को दो,
- 3 मई को 0,
- 4 मई को दो,
- 5 मई को 3,
- 6 मई को दो,
- 7 मई को 5,
- 8 मई को 3,
- 9 मई को दो,
- 10 मई को दो,
- 11 मई को दो,
- 12 मई को 5,
- 13 मई को 3,
- 14 मई को दो,
- 15 मई को 3,
- 16 मई को 7 मौत
- 17 मई को 5,
- 18 मई को 5 ,
- 19 मई को एक
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कुल 57 मौतों हुई हैं जबकि नगर परिषद् के डेथ सर्टिफिकेट के आंकड़े कुछ अलह हालात को बयां करते हैं। इसके मुताबिक अकेले नगर परिषद राजसमंद ने 19 दिनों में 41 शवों का अंतिम संस्कार करवाया। जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मौत के आंकड़ों में 57 में से 29 मृतक राजसमंद नगर परिषद क्षेत्र के बाहर के निवासी थे। इन आंकड़ों के मुताबिक RK हॉस्पिटल में 68 मौतें हुई हैं जबकि राजसमंद नगर परिषद क्षेत्र में 48 मौतें हुई हैं।
भीम तहसील में अभी तक कोरोना से 35 मौतें, देवगढ़ तहसील में 30 मौतें, आमेट नगर पालिका क्षेत्र में 16मौतें हुई है। यह तो मौतों का वो आंकड़ा है जो सच सामने आया है, नहीं तो कई मौतें ऐसी भी हैं जिनकी कोरोना जांच भी नहीं हुई और उनकी मौत हो गईं। गांव में कई मौतें कैसी हो चुकी हैं, ऐसे में जिला सीएमएचओ की ओर से जारी 19 दिनों में 57 मौतों का आंकड़ा विभाग के झूठ को उजागर करने के लिए काफी है।