झूुझुनू: राजस्थान सरकार के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा अक्सर अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहते हैं और कभी भी, कहीं भी कुछ भी बोलते रहते हैं। राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने उदयपुरवाटी में एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। गुढ़ा बोले अपनी जाति के वोट लेना नपुंसकता है और दूसरी जाति के वोट लेना मर्दानगी है। राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने दावे के साथ कहा 20-25 दिन में आचार संहिता लग जाएगी उसके बाद वापस मैं ही आऊंगा। मेरा स्वभाव है और कमजोरी भी है दूसरों की मदद करना। मैंने गहलोत सरकार की मदद की फिर मैंने सचिन की मदद की। दरअसल गुढ़ा उदयपुरवाटी बस स्टैंड पर जनप्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।
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गुढ़ा अक्सर देते हैं विवादित बयान
रांजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा था कि मुझे वसुंधरा राजे ने जेल में डाला था लेकिन 38 दिन तक जेल में रहने के बाद भी गुढ़ा अपने दम पर खड़ा है। वसुंधरा जी के समाचार समाप्त हो गए। आज मैं अशोक जी से मैं कहना चाहता हूं कि मुझे गिरफ्तार कर लीजिए। हमेशा के लिए गिरफ्तार कर लीजिए। फिर राजस्थान से आपके समाचार भी समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में लोग कहेंगे कि अशोक गहलोत भी कोई थे।
पिछले दिनों मणिपुर में हुई हिंसा और महिलाओं पर किए गए अत्याचार पर राजस्थान विधानसभा में बोलते हुए राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि राजस्थान में महिला अपराध बढ़ रहे हैं। मणिपुर की बजाय हमें अपनी गिरेबां में झांकना चाहिए। इस बयान के बाद गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। फिर गुढ़ा 'लाल डायरी' को लेकर आए अशोक गहलोत के भ्रष्टाचार का हिसाब-किताब होने का दावा किया था।
राजेंद्र सिंह गुढ़ा उदयपुरवाटी सीट से बसपा की टिकट से जीतकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया था।
(राजस्थान से मुकुल जोशी की रिपोर्ट)