राजस्थान के पूर्व राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने झुंझुनूं जिले के गोठड़ा में आयोजित किसान सभा में प्रशासनिक अधिकारियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे राज्य की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। किसान सभा के दौरान गुढ़ा ने संबोधित करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों के बारे में कहा, "जो लोग बाथरूम में कॉकरोच से डरते हैं, वही लोग थानेदार, एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर और एसपी बनते हैं।" इसके बाद उन्होंने और भी विवादित टिप्पणियां कीं, जब उन्होंने कहा, "जो लोग सांप और घेरों के बिल में हाथ डालते हैं, वे दसवीं में फेल हो जाते हैं।" फिर उन्होंने सभा में मौजूद लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा, "ये सब वही लोग हैं, जो सांप और घेरों के मुंह में हाथ डालने वाले हैं।"
पूर्व मंत्री के बयान पर विवाद
गुढ़ा ने प्रशासनिक अधिकारियों की ओर इशारा करते हुए कहा, "इस तरफ तो कॉकरोच से डरने वाले लोग हैं।" उनके इन बयानों ने प्रशासनिक अधिकारियों के बीच असहमति और राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है। गुढ़ा के बयान के बाद सोशल मीडिया पर चर्चाएं हो रही हैं। राजनीतिक दलों और प्रशासनिक अधिकारियों के समर्थक और विरोधी गुढ़ा की टिप्पणी की आलोचना कर रहे हैं।
गुढ़ा की यह टिप्पणी उस समय आई है जब रविवार को गोठड़ा में किसानों ने श्री सीमेंट कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन किया था। किसानों का आरोप था कि कंपनी के खिलाफ उठाई गई उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। इस प्रदर्शन के दौरान एसडीएम ने कंपनी के 300 मीटर दायरे में सभा की अनुमति नहीं दी थी, जिससे किसानों और प्रशासन के बीच तनाव पैदा हो गया था। गुढ़ा ने इस निर्णय के खिलाफ प्रतिक्रिया देते हुए उक्त टिप्पणी की थी।
क्या कह रहे राजनीतिक विश्लेषक?
इस विवादित बयान के बाद कई राजनीतिक नेता और प्रशासनिक अधिकारी इसे लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं। कुछ ने इसे गुढ़ा की राजनीति का हिस्सा बताया, जबकि कुछ ने इस टिप्पणी को निंदनीय और अनुचित बताया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गुढ़ा का बयान प्रशासन और राजनीति के बीच बढ़ती खाई को और गहरा कर सकता है। वहीं, कुछ नेता इसे गुढ़ा के आक्रामक राजनीतिक स्टाइल का हिस्सा मानते हैं। इस मामले पर आगे की प्रतिक्रिया और विवाद क्या रूप लेता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
गुढ़ा का यह बयान राजस्थान के राजनीतिक माहौल में नई बहस का कारण बन चुका है और आने वाले दिनों में इसकी प्रतिक्रिया और प्रभाव स्पष्ट रूप से देखने को मिल सकता है।
(रिपोर्ट- अमित शर्मा)
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