नई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने शनिवार को एक पत्र लिखकर 21 सितंबर को मंडियों के एक दिवसीय बंद का ऐलान किया है। दरअसल, राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने बताया कि 5 जून 2020 के अध्यादेश एवं लोकसभा में पारित कृषि बिल के विरोध में राजस्थान की सभी 247 मंडियां सांकेतिक रूप से एक दिन 21 सितंबर (सोमवार) को बंद रहेंगी।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने अपने पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार ने हटधर्मिता करते हुए न तो व्यापारी/आढ़ती जो मंडी में काम कर रहे हैं, उनकी आवाज सुनी और न किसान की और मजदूर की परवाह की। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने राजस्थान के सभी 25 सांसदों को पत्र लिखकर भारत सरकार को इस अध्यादेश को तुरंत वापस लेने के लिए निवेदन किया है। राज्य के सभी 200 विधायकों को पत्र लिखकर इस अध्यादेश के कारण मंडी बरबाद हो जाएगी इसे बचाने का निवेदन किया है। विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अपने कत्वर्य की इतिश्री कर ली।
संघर्ष समिति ने यह भा मांग की है कि राज्य में होने वाली समर्थन मूल्य की खरीद भी मंडियों के मार्फत ही खरीदी जाए। हरियाणा और पंजाब में समर्थन मूल्य पर खरीद की जाने वाली सभी कृषि जीन्य मंडी के आढ़तियों के माध्यम से ही खरीद की जाती है। समिति ने ये भी मांग की है कि केंद्र सरकार अपने द्वारा जारी किए गए कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य कानून के अंतर्गत देश में लागू की गयी क्रय-विक्रय की दोहरी प्रणाली को एकरूपता प्रदान करे और इस कानू को वापस ले।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने निर्देश दिए हैं कि सभी मंडियों के अध्यक्ष/मंत्री तथा संघर्ष समिति के सदस्य 21 सितंबर, सोमवार को मंडियों में व्यापार बंद रहेगा, को सुनिश्चित करें औप 23 सितंबर को आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में राजधानी मंडी में दोपहर 2 बजे उपस्थित होकर आगे की आंदोलन की रूपरेखा तय करने में सहयोग करें।