जयपुर: राजस्थान सरकार ने अंशकालिक (पार्ट टाइम) कर्मचारियों को भी सेवानिवृत्ति परिलाभ देने और जयपुर में पहला 'जेम बोर्स' स्थापित करने का फैसला किया है। इसके साथ ही जीव जन्तु कल्याण बोर्ड का नाम अमृता देवी के नाम पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में उक्त फैसले किए गए। बैठक के बाद जारी बयान के अनुसार मंत्रिमंडल ने 'राजस्थान पार्ट टाइम कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग रूल्स-2023’ के प्रारूप का अनुमोदन किया है। इसमें अंशकालिक कार्मिकों को सेवा समाप्ति पर 2 से 3 लाख रुपये तक का आर्थिक सहायता पैकेज मिलेगा। ये परिलाभ विभागों में कार्यरत अंशकालिक कार्मिकों को सेवा समाप्ति, मृत्यु एवं रिटायरमेंट पर दिए जाएंगे।
कर्मचारियों की भर्ती में आएगी पारदर्शिता
बयान के मुताबिक इन नियमों के बनने से अंशकालिक कार्मिकों की भर्ती में पारदर्शिता आएगी और उन्हें आर्थिक संबल भी मिलेगा। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, कुक, फर्राश आदि जैसे अंशकालिक कर्मियों के रिटायरमेंट पर आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से 'राजस्थान पार्ट टाइम कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग रूल्स-2023' की घोषणा की थी। बयान के मुताबिक मंत्रिमंडल ने जयपुर में 'जेम बोर्स' की स्थापना व विकास के लिए लगभग 44 हजार वर्ग मीटर भूमि आरक्षित दर पर उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। यह भूमि जेम बोर्स की स्थापना के लिए गठित जयपुर जेम एंड ज्वैलरी बोर्स (एसपीवी) को औद्योगिक आरक्षित दर से तीन गुना दर पर 99 वर्ष की लीज पर आवंटित की जाएगी। इससे रत्नों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। लगभग 60 हजार लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे।
बैठक में लिए गए ये फैसले
- राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड का नाम अब 'अमृता देवी राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड' होगा। मंत्रिमंडल ने अमृता बिश्नोई द्वारा जीव जन्तु व वन रक्षार्थ दिए बलिदान व जीवों के प्रति समर्पण भाव को आमजन तक पहुंचाने के लिए बोर्ड के नाम में संशोधन का निर्णय किया है।
- मंत्रिमंडल ने नेत्रहीन विकास संस्थान द्वारा संचालित प्रज्ञा चक्षु उच्च प्राथमिक विद्यालय, फलौदी को निःशुल्क भूमि आवंटन का फैसला किया है।
- मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (महिला विकास परियोजना में परियोजना निदेशकों, परियोजना अधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों का विशेष चयन एवं सेवा की विशेष शर्तें) नियम, 1984 के अंतर्गत चयनित/नियुक्त कार्मिकों को नियुक्ति तिथि से नियमित किए जाने का निर्णय लिया है।
यह भी पढ़ें-