Highlights
- 'हाथ में दिल्ली लेकिन दिल में राजस्थान'
- अशोक गहलोत इतनी आसानी से नहीं छोड़ेंगे अपना गढ़
- राजस्थान कांग्रेस के लिए अहम
Rajasthan Politics: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पक्ष में 92 विधायकों का इस्तीफा दिलाकर साफ कर दिया कि वह इतनी आसानी से हार नहीं मानेंगे। उन्होंने आलाकमान को संदेश पहुंचा दिया है कि उनसे उनका गढ़ इतनी आसानी से नहीं छीना जा सकता। गहलोत राजस्थान की सियासत के माहिर खिलाड़ी हैं, इसमें कोई संदेह नहीं कि बिना उनकी मर्जी के उन्हें राजस्थान से दिल्ली ले जाना आसान नहीं होगा। सचिन पायलट जो चार साल से अपना दमखम दिखा रहे थे, आज वह पूरी तरह से फुस्की बम साबित हो चुके हैं क्योंकि उनके पक्ष में अब सिर्फ 10 विधायक ही बचे हैं।
राजस्थान कांग्रेस के लिए अहम
अशोक गहलोत राजस्थान की भूमिका के बारे में बात करते हुए कहा, ''बड़ा राज्य राजस्थान ही है कांग्रेस के पास में, अगर यहां जीतेंगे तो कांग्रेस का सभी राज्यों में जीतना प्रारंभ होगा। वापस पुनर्जीवित होगी कांग्रेस। एक प्रकार से मजबूती आएगी कांग्रेस में। मैं अगस्त में कह चुका हूं, ये बात अभी तक किसी को मालूम नहीं है पहली बार मैं डिस्क्लोज कर रहा हूं। उन्होंने आगे कहा, ''अध्यक्ष के लिए तो मेरा नाम अभी चलने लगा है, उससे पहले मैं कह चुका हूं सोनियाजी को भी, अजय माकन जी को भी कि अगला चुनाव उसके नेतृत्व में लड़ा जाए जिससे जीतने की संभावना बढ़े, चाहे वो मैं हूं या मुझसे ज्यादा कोई दूसरा है तो उसका चयन कर लें और सरकार बने, चुनाव जीतना हमारे लिए आवश्यक है।''
गिनाए अपने काम
अशोक गहलोत ने ट्विटर पर एक के बाद एक ट्वीट करते हुए चार साल में किए गए अपने कई काम गिनाए हैं। उन्होंनो लिखा, 'बांसवाड़ा के गराड़िया में अनास नदी पर एनिकट व पुल बनाने के लिए 182.56 करोड़ रूपए के बजट को मंजूरी दी है। इस मंजूरी से क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार होगा। साथ ही पुल के निर्माण से ग्रामीणों को आवागमन में सहूलियत होगी।' उन्होंने आगे कहा, '152.56 करोड़ रूपए की लागत से गराड़िया एनिकट का निर्माण व 30 करोड़ रूपए की लागत से डूब क्षेत्र में आने वाले महुड़ी पुल के नवीन निर्माण हेतु यह स्वीकृति दी है। एनिकट के माध्यम से नदी के व्यर्थ बहने वाले पानी को रोककर कृषि कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।