जयपुर/नयी दिल्ली। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने सोमवार को संकेत दिया कि यदि राज्य सरकार कहती है कि उसका उद्देश्य विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिये शक्ति परीक्षण करना है तो अल्पावधि नोटिस देकर सदन का सत्र बुलाया जा सकता है। राज्यपाल ने विधानसभा का सत्र बुलाने संबंधी राज्य मंत्रिमंडल का संशोधित प्रस्ताव कुछ 'बिंदुओं' के साथ अशोक गहलोत सरकार को वापस भेज दिया है, जिसके साथ यह सुझाव दिया गया है। मिश्र ने दूसरी बार इस तरह का प्रस्ताव वापस भेजा है।
राज्यपाल ने प्रस्ताव वापस करते हुए राज्य सरकार को भेजे ‘नोट’ में तीन बातों का उल्लेख करते हुए एक नया प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। पहला यह कि विधानसभा का सत्र 21 दिन का स्पष्ट नोटिस देकर बुलाया जाए। हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि यदि राज्य सरकार विश्वासमत हासिल करना चाहती है तो यह अल्पावधि में सत्र बुलाए जाने का युक्तिसंगत आधार बन सकता है।
इस बारे में कांग्रेस ने संकेत दिया है कि वह ऐसा चाहती है लेकिन अपने प्रस्ताव में उसका उल्लेख नहीं किया। मिश्र ने जो दूसरी बात कही है, वह यह कि राज्य सरकार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण की कार्यवाही का सीधा प्रसारण करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार को विधानसभा की प्रस्तावित बैठक के दौरान कोरोना वायरस के प्रसार के खिलाफ एहतियात भी सुनिश्चित करनी होगी।
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