जयपुर/नई दिल्ली। राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा बयान सामने आया है। राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि मैं अब भी चाहता हूं कि जो असंतुष्ट विधायक हैं वे विधानसभा सत्र में भाग लें क्योंकि वे कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुने गए हैं। यह सुनिश्चित करना मेरी ज़िम्मेदारी है कि वे जनता के सामने सरकार के साथ खड़े दिखाई दें।
अशोक गहलोत ने आगे कहा कि, मुझे खुशी है कि राज्यपाल ने आखिरकार विधानसभा सत्र को जल्द से जल्द बुलाने के मेरे अनुरोध को स्वीकार कर लिया क्योंकि किसी भी तरह की अधिक देरी के परिणामस्वरूप हॉर्स ट्रेडिंग हो सकती है। गहलोत ने कहा कि हर कोई जानता है कि हार्स ट्रेडिंग हुई है लेकिन यह हमें प्रभावित नहीं करेगा, हम अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
राजस्थान में खरीद-फरोख्त का 'रेट' बढ़ा: गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज गुरुवार को दावा किया कि कल रात से जब से विधानसभा सत्र बुलाने की तिथि 14 अगस्त निर्धारित हुई है, तब से राज्य में खरीद-फरोख्त का ‘रेट’ बढ़ गया है। गहलोत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘कल रात से जब से विधानसभा सत्र बुलाने की घोषणा हुई है, राजस्थान में खरीद-फरोख्त (विधायकों की) का ‘रेट’ बढ़ गया है। इससे पहले पहली किश्त 10 करोड़ और दूसरी किश्त 15 करोड़ रुपये थी। अब यह असीमित हो गई है। सब लोग जानते हैं कौन लोग खरीद-फरोख्त कर रहे हैं।’’ गहलोत ने बसपा प्रमुख मायावती पर हमला करते हुए कहा कि वह मजबूरी में बयान दे रही हैं। उनकी शिकायत वाजिब नहीं है। छह बसपा विधायक अपने विवेक से कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने BSP के 6 विधायकों को लेकर कहा कि 6 विधायकों ने अपनी मर्जी से विलय किया है। मेरा मानना है कि मायावती जी जो बयानबाजी कर रही हैं वो भाजपा के इशारे पर कर रही है। भाजपा ED, CBI का दुरूपयोग कर डरा रही है धमका रही है। मायावती जी भी उनसे डर रही हैं इसलिए मजबूरी में बयान दे रही हैं।अशोक गहलोत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि 'नेता लोग छिप छिप कर दिल्ली जाते थे और पूछने पर झूठ बोलते थे। हम इनमें से किसी को नहीं छोड़ेंगे सबको एक्सपोज करेंगे।'
अदालत ने कांग्रेस में विलय करने वाले छह बसपा विधायकों, विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी किये
राजस्थान उच्च न्यायालय ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव लड़ने के बाद कांग्रेस में विलय करने वाले छह विधायकों, विधानसभा अध्यक्ष ऑैर विधानसभा के सचिव को बृहस्पतिवार को नोटिस जारी किए। अदालत ने ये नोटिस विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ बसपा और भाजपा विधायक मदन दिलावर की ओर से दायर रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जारी किए।
दिलावर के एक वकील ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘नोटिस विधानसभाध्यक्ष, विधानसभा सचिव और छह विधायकों को जारी किये गए हैं। इन्हें अपने जवाब 11 अगस्त तक दाखिल करने हैं।’’ दिलावर ने अपनी याचिका में विधानसभाध्यक्ष के 24 जुलाई के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें उन्होंने बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ उनकी शिकायत खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति महेंद्र कुमार गोयल की पीठ ने याचिकाओं पर सुनवायी करते हुए ये नोटिस जारी किये।
याचिकाओं पर अलग-अलग नोटिस जारी किये गए हैं। अदालत ने बुधवार को मामले में सुनवाई की थी लेकिन वह अधूरी रह गई थी। आज गुरुवार को इसपर आगे की सुनवायी हुई। मामले की अगली सुनवायी 11 अगस्त को होगी। बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय से अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार को मजबूती मिली थी, क्योंकि 200 सदस्यीय सदन में सत्तारूढ़ दल के विधायकों की संख्या बढ़कर 107 हो गई थी।
राजस्थान विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने एक आदेश जारी कर 15वीं राजस्थान विधानसभा का पांचवां सत्र शुक्रवार 14 अगस्त को प्रातः 11 बजे आहूत किया है। राजस्थान विधानसभा सचिवालय के अनुसार इस बारे में सचिव प्रमिल कुमार माथुर द्वारा राजस्थान राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कराई गयी है।