Highlights
- राजस्थान के सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने किया दावा
- बीते राज्यसभा चुनाव में एक उम्मीदवार को वोट देने के लिए 25 करोड़ का ऑफर था: गुढ़ा
- 2020 में चल रही राजनीतिक उठा पटक के दौरान मिला था 60 करोड़ का ऑफर: गुढ़ा
Rajasthan News: राजस्थान के सैनिक कल्याण राज्य मंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कांग्रेस में आए विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने दावा किया है कि बीते राज्यसभा चुनाव में उन्हें एक उम्मीदवार को वोट देने के लिए 25 करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी। गुढ़ा ने यह भी दावा किया कि 2020 में राज्य में राजनीतिक संकट के दौरान, उनके पास 60 करोड़ रुपए का प्रस्ताव था, लेकिन उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि वे इज्जत चाहते हैं, पैसा नहीं इसलिए उन्होंने उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
गुढ़ा ने ऐसा प्रस्ताव देने वाले नेता या पार्टी का नाम नहीं लिया। मंत्री सोमवार को झुंझुनू के एक निजी स्कूल में एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। इसका एक वीडियो मंगलवार को सामने आया। कार्यक्रम के दौरान एक छात्रा ने पूछा था कि भ्रष्टाचार पर अंकुश कैसे लगाया जा सकता है। इसका जवाब देते हुए गुढ़ा ने कहा, ‘‘पिछले राज्यसभा चुनाव में मेरे पास एक व्यक्ति को अपना वोट देने के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रस्ताव लेकर आया था। फिर मैंने अपनी पत्नी से पूछा, तो उन्होंने कहा कि हम इज्जत चाहते हैं।’’
60 करोड़ का भी प्रस्ताव आ चुका: गुढ़ा
मंत्री ने कहा, ‘‘मैं आपको यह भी बताना चाहूंगा कि 2020 में जब राज्य में राजनीतिक उठा पटक चल रही थी, तब मेरे पास 60 करोड़ रुपए का प्रस्ताव था। मैंने अपने परिवार से बात की। मेरी पत्नी, बेटे और बेटी ने कहा कि उन्हें पैसा नहीं, बल्कि इज्जत चाहिए।’’ गुढ़ा ने छात्रा से कहा,‘‘जब आपके साथ रहने वाले ऐसा सोचेंगे तो सब ठीक हो जाएगा।’’
बता दें कि गुढ़ा उन छह विधायकों में से एक हैं जिन्होंने 2018- विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर जीता और 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए। जुलाई 2020 में जब तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पार्टी के 18 अन्य विधायकों के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति बगावती तेवर अपनाए तो गुढा गहलोत के खेमे में थे।
नवंबर 2021 में कैबिनेट विस्तार के दौरान गुढ़ा को सैनिक कल्याण राज्य मंत्री बनाया गया था। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री गहलोत कई बार यह आरोप लगा चुके हैं कि भाजपा ने विधायकों को करोड़ों रुपए की पेशकश कर उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की। इस साल जून में राज्य से राज्यसभा की चार सीटों के लिए चुनाव हुआ।
चुनाव में भाजपा के आधिकारिक प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी थे। पार्टी ने इसके साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार और मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा का समर्थन किया था। हालांकि, चंद्रा को हार का सामना करना पड़ा और सत्तारूढ़ कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों और भाजपा के एकमात्र उम्मीदवार ने जीत दर्ज की।