Highlights
- ट्विटर पर छिड़ी नेताओं की जंग
- कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन का हुआ था कार्यक्रम
- 2007 में गोलीबारी में मारे गए थे 72 आंदोलनकारी
Rajasthan News: राजस्थान के पुष्कर में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के अवसर पर हुई सभा में राज्य सरकार के मंत्रियों को उपस्थित लोगों का विरोध झेलना पड़ा। खेल मंत्री अशोक चांदना के संबोधन के दौरान तो कुछ लोगों ने जूते तक उछाले।
राजस्थान में कांग्रेस नेताओं की आपसी गुटबंदी और बयानबाजी शांत होने का नाम नहीं ले रही है। राज्य कांग्रेस में दो गुट हो चुके हैं। एक गुट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है तो एक गुट सचिन पायलट के धड़े का है। कई मौकों पर दोनों गुटों क और उनके समर्थकों के बीच झड़प होती रहती है। कल भी कुछ ऐसा ही हुआ। लेकिन इस बार बात जुबानी जंग से आगे जाकर जूता-चप्पल पर आ गई।
पुष्कर में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन का हुआ था कार्यक्रम
राजस्थान के पुष्कर में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के अवसर पर हुई सभा में राज्य सरकार के मंत्रियों को उपस्थित लोगों का विरोध झेलना पड़ा। खेल मंत्री अशोक चांदना के संबोधन के दौरान तो कुछ लोगों ने जूते तक उछाले। चांदना ने इसे लेकर राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के साथ-साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर निशाना साधा। राठौड़ कार्यक्रम में मौजूद थे, जबकि पायलट इसमें शामिल नहीं हुए। अपने संबोधन के दौरान कुछ युवाओं द्वारा मंच की ओर जूते उछाले जाने से आहत मंत्री चांदना ने सोमवार शाम कई ट्वीट किए।
ट्विटर पर छिड़ी नेताओं की जंग
पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, “आज एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। 72 शहीदों को मारने के आदेश देने वाले (तत्कालीन मंत्रिमंडल सदस्य) राजेंद्र राठौड़ साहब के मंच पर आने पर तालियां बजीं और जिनके परिवार के लोग आंदोलन में जेल गए, उन पर जूते फेंके गए।” चांदना के अनुसार, “जिस मंच पर जूते फेंके गए, उस पर शहीदों के परिजन बैठे थे, कम से कम उनका तो ख्याल कर लेते। कर्नल साहब की अंतिम स्मृति को ऐसे कलंकित करने वाले लोग कितना दूर तक जाएंगे, यह तो वक्त बताएगा।”
चांदना के इस ट्वीट पर उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, “दूसरों पर तोहमत लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखो, आखिर हुजूर यह हालत क्यों बनी? दूसरों की पकी हुई फसल को काटकर अगर अपने खेत पर ले जाओगे तो परिणाम ऐसे ही निकलेंगे। अभी तो आगे-आगे देखो होता है क्या।” मंत्री चांदना और राठौड़ में सोशल मीडिया पर जुबानी जंग मंगलवार को भी जारी रही।
चांदना ने राठौड़ के जवाब में मंगलवार सुबह एक और ट्वीट किया, “क्या 2007 की गोलीकांड सरकार में आप मंत्री नहीं थे? आपकी उम्र और तजुर्बा मुझसे ज्यादा है, इसलिए टिप्पणी नहीं करूंगा। कल फूट की फसल को काटने कौन-कौन आया था, यह सबने देखा है।” एक अन्य ट्वीट में चांदना ने पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट पर निशाना साधते हुए लिखा, “मुझ पर जूता फेंकवाकर सचिन पायलट यदि मुख्यमंत्री बनेंगे तो जल्दी से बन जाएं, क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है। जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा और यह मैं चाहता नहीं हूं।”
2007 में गोलीबारी में मारे गए थे 72 आंदोलनकारी
उल्लेखनीय है कि गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और इस दौरान गोलीबारी में 72 आंदोलनकारी मारे गए थे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कर्नल बैंसला के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के लिए अपना संदेश साझा करते हुए बैंसला के साथ अपने सहज संबंधों का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, “यही कारण है कि मेरी सरकार के कार्यकाल के दौरान कभी गुर्जर समाज पर बल प्रयोग की नौबत नहीं आई और हमारी सरकार आरक्षण देने में भी कामयाब रही। भाजपा सरकार के दौरान की गई गोलीबारी में जान गंवाने वाले 72 गुर्जर भाइयों के परिवारों के लिए आज भी हमारे मन में पीड़ा है। भाजपा इस अपराध से कभी मुक्त नहीं हो सकती।”