Sunday, November 24, 2024
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Rajstahan News: गहलोत सरकार ने लगाई भरतपुर के आदिबद्री, कनकांचल क्षेत्र में समस्त खनन गतिविधियों पर रोक

Rajstahan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को भरतपुर के पसोपा व आस-पास के गांवों से आए साधु, महंत, जनप्रतिनिधि तथा ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल से मिलकर उनकी सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया।

Edited By: Pankaj Yadav
Updated on: July 31, 2022 23:58 IST
mining activities in Adibadri- India TV Hindi
mining activities in Adibadri

Highlights

  • गहलोत सरकार ने भरतपुर की पहाड़ियों के खनन पर लगाई रोक
  • भूमि को वन विभाग को हस्तातंरित किया जा चुका है

Rajstahan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को भरतपुर के पसोपा व आस-पास के गांवों से आए साधु, महंत, जनप्रतिनिधि तथा ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल से मिलकर उनकी सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री निवास पर बैठक में गहलोत ने कहा कि साधुओं की मांग को ध्यान में रखते हुए धार्मिक महत्व वाले क्षेत्र में सभी प्रकार की खनन गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए सरकार द्वारा पहले ही सैद्धांतिक सहमति दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा त्वरित निर्णय करके उक्त क्षेत्र की सभी वैध खनन गतिविधियां बंद कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं। साथ ही, इस भूमि को वन विभाग को हस्तातंरित कर दिया गया है। 

गहलोत ने कहा कि पूर्व में भी संतों की मांग पर सरकार द्वारा क्षेत्र में वैध खानों को बंद करवाया गया तथा वर्तमान में 46 वैध खानों को बंद कराने व अन्यत्र स्थानान्तरित करने का कार्य किया जा रहा है। साधु-संतों ने बातचीत में स्वीकार किया कि यह एक जटिल प्रक्रिया है तथा उन्होंने इसे दो महीने में पूरा करने की मांग की, जिस पर सरकार ने इस समयसीमा में सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन द्वारा डीग सीकरी मार्ग से पशुपति नाथ मंदिर तक सड़क निर्माण, दिवंगत महंत विजयदास जी के नाम से द्वार का निर्माण जैसेी मांगें स्वीकार ली गई हैं। वहीं, पशुपति नाथ मंदिर के भव्य निर्माण व बिजलीघर स्वीकृत करने पर भी तेजी से कार्य किया जा रहा है। 

इस संबंध में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बताया कि पर्यटन एवं देवस्थान विभाग की टीम द्वारा आदिबद्री तथा कनकांचल जैसे क्षेत्रों का दौरा करके विकास के 84 कार्यों की पहचान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इनमें मुख्य रूप से आदिबद्री धाम में यात्री सुविधाओं का विकास, छतरी निर्माण, गौरी कुण्ड का जीर्णोद्धार, यात्रियों के लिए आरामगृह के कार्य हैं। इससे पूर्व, आदिबद्री धाम के महंत शिवराम दास जी एवं पशुपति नाथ मंदिर के नवनियुक्त महंत भूरा बाबा ने धरना समाप्ति के तुरन्त बाद खनन क्षेत्र को वन क्षेत्र में परिवर्तित करने के आदेश पारित करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। 

प्रतिनिधिमंडल ने भरतपुर के पसोपा में बृज क्षेत्र के पर्वतों की रक्षा करने के लिए तथा विभिन्न विकास कार्यों के लिए अपनी मांगें मुख्यमंत्री के समक्ष रखी, जिनमें मुख्य रूप से क्षेत्र में पर्यटन एवं विकास की संभावनाओं से संबंधित मांगें शामिल थी। आदिबद्री के महंत शिवराम दास ने कहा कि पसोपा व आस-पास की स्थानीय जनता प्रशासन के कार्यों से संतुष्ट है तथा क्षेत्र में शांति एवं विकास की पक्षधर है। उन्होंने आदिबद्री तथा कनकांचल को वन विभाग को हस्तातंरित करने के ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया। 

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