Sunday, December 22, 2024
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Rajasthan News: पाकिस्तान से जोधपुर पहुंचे करीब 100 हिंदू , जानिए वापस नहीं जाने की क्यों जताई इच्छा

Rajasthan News: पाकिस्तान के सिंध प्रांत से भील समुदाय के लोगों के दो जत्थे इस सप्ताह जोधपुर पहुंचे। इन लोगों ने भारत में बसने की इच्छा व्यक्त की और कहा कि वे वापस नहीं जाना चाहते।

Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published : Oct 15, 2022 21:23 IST, Updated : Oct 15, 2022 21:23 IST
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Image Source : PTI Representational Image

Highlights

  • पहला जत्था 12 अक्टूबर को भारत आया, दूसरा 14 अक्टूबर को आया
  • 'दोनों जत्थे अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए भारत आए'
  • जो भी उचित होगा हम करेंगे: ASP

Rajasthan News: पाकिस्तान के सिंध प्रांत से हिंदुओं के दो जत्थे इस सप्ताह जोधपुर पहुंचे। इन लोगों ने पाकिस्तान में अचानक आई बाढ़ के बाद राहत कार्यों में उत्पीड़न और भेदभाव का आरोप लगाया। ये लोग भील समुदाय के हैं और सिंध के टांडो अल्लाहयार जिले से आए हैं। इन लोगों ने भारत में बसने की इच्छा व्यक्त की और कहा कि वे वापस नहीं जाना चाहते। पत्नी और आठ बच्चों के साथ आए चतुरराम भील ने कहा कि दोनों जत्थों में उनके समुदाय के करीब 100 लोग हैं। दोनों जत्थे अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए भारत आए। 

भील ने कहा कि पहला जत्था 12 अक्टूबर को भारत आया था, जबकि दूसरा जत्था 14 अक्टूबर को आया। उन्होंने कहा कि वे पहले हरिद्वार पहुंचे और वहां से वे जोधपुर आए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग यहां बसने के लिए जोधपुर में रुके जबकि अन्य राजस्थान के जैसलमेर रवाना हो गए। 

भेदभाव का किया सामना

भील ने कहा कि उनके क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ ने उनके जीवन को दयनीय बना दिया क्योंकि उन्हें राहत कार्यों में भेदभाव का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास न तो अपने परिवार चलाने के लिए कोई रोजगार है और न ही भोजन खरीदने के लिए पर्याप्त धनराशि। हम में से कई लोगों के घर बाढ़ में बह गए। हमारे पास रहने के लिए जगह भी नहीं है।’’ शुक्रवार रात पहुंचे जत्थे के एक अन्य सदस्य विष्णु ने कहा, ‘‘अब तक हमने जिस भेदभाव का सामना किया वह बाढ़ के समय में असहनीय हो गया। भेदभाव ने वहां जीवन को बहुत कठिन बना दिया। हमारे पास पाकिस्तान छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।’’ उन्होंने कहा कि उनमें से कोई भी वापस नहीं जाना चाहता और वे यहां बसेंगे और कुछ काम ढूंढेंगे। 

तीर्थयात्रा वीजा पर आए हरिद्वार

सीमांत लोक संगठन के प्रमुख हिंदू सिंह सोढा ने कहा कि इन लोगों के पास अपने देश में उत्पीड़न और भेदभाव के मद्देनजर अन्य कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि वे भारत को अपना प्राकृतिक घर मानते हैं। सिंह ने कहा, ‘‘वे तीर्थयात्रा वीजा पर हरिद्वार आए, जहां एजेंसियों ने उनका आगमन दर्ज किया और फिर वे अपने अंतिम गंतव्य के लिए रवाना हो गए। उनके पास यहां बसने के लिए वीजा नहीं है।’’ 

'जो भी उचित होगा हम करेंगे'

इस बीच, पुलिस अधिकारियों ने प्रवासियों के दस्तावेजों की जांच के लिए टीमें भेजीं। एएसपी (CID) रामेश्वर लाल मेघवाल ने कहा, "जो भी उचित होगा हम करेंगे। अगर वे वापस नहीं जाना चाहते हैं, तो उन्हें यहां रहने के लिए औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा जाएगा।" 

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