जयपुर। राजस्थान में जारी सियासी लड़ाई अब अदालत पहुंच गई है। राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी के नोटिस को चुनौती देने के लिए पायलट खेमे ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाईकोर्ट के जज सतीश चंद्र शर्मा की कोर्ट में सुनवाई हुई। बागी विधायकों को विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की ओर से जारी नोटिस के खिलाफ याचिका दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान पायलट खेमे ने राजस्थान विधानसभा से असंतुष्ट विधायकों को अयोग्य ठहराने के कदम को चुनौती देने के लिये दायर अपनी याचिका में संशोधन के लिये समय मांगा। सचिन पायलट की ओर हरीश साल्वे ने कहा कि असंतुष्ट विधायक राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस की संवैधानिक वैधता को चुनौती देना चाहते हैं। साल्वे ने कहा कि याचिकाकर्ता संविधान की दसवीं अनुसूची में निहित दल-बदल विरोधी कानून को चुनौती देंगे। राजस्थान उच्च न्यायालय ने सचिन पायलट खेमे को नयी याचिका दायर करने के लिये समय दिया, मामले की सुनवाई अब खंडपीठ द्वारा की जाएगी। वहीं स्पीकर की ओर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपना पक्ष रखा।
बता दें कि हाईकोर्ट में यह याचिका पीआर मीणा की ओर से लगाई गई है। वे टोडा भीम से विधायक है और पायलट ग्रुप से आते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पायलट समेत 19 विधायको की तरफ से याचिका लगी है। गौरतलब है कि बुधवार को राजस्थान विधानसभा के स्पीकर ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को दल बदल कानून के तहत नोटिस भेजा है। इससे पहले खबर मिली थी कि स्पीकर के इस फैसले के खिलाफ पायलट सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। सचिन पायलट को 17 जुलाई तक विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस का जवाब देना है।
पायलट सहित 19 को नोटिस
स्पीकर ने पायलट के साथ 19 और विधायकों को नोटिस भेजा है। पायलट कैंप के ये विधायक व्हिप जारी होने के बाद भी विधायक दल की बैठक में नहीं आए थे, ऐसे में सचिन पायलट की विधानसभा सदस्यता जा सकती है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा, ‘‘सचिन पायलट सहित उन सभी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस जारी किए जाएंगे जो पार्टी की विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। ये नोटिस विधानसभा अध्यक्ष के जरिए जारी किए जाएंगे।’’ गौरतलब है कि पायलट सहित उनके समर्थक माने जाने वाले कई विधायक सोमवार और मंगलवार को यहां हुई पार्टी की विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। कुल 19 विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए।
इस बीच सचिन पायलट ने साफ किया है कि वो बीजेपी में शामिल नहीं होंगे। सचिन पायलट ने कहा कि वो बीजेपी में नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, "मैंने कांग्रेस को राजस्थान में सत्ता में वापस लाने के लिए बहुत मेहनत की थी।" कांग्रेस आलाकमान के निर्णय के बाद पायलट ने अपने पहले बयान में कहा कि ‘सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता।’ इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने फैसलों की जानकारी दी और दावा किया कि गहलोत सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र में पायलट भी शामिल थे। पार्टी ने राजस्थान प्रांत युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से मुकेश भाकर को हटा दिया है। उनकी जगह विधायक गणेश घोघरा नये अध्यक्ष होंगे।