दौसा: अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बड़ा बयान दिया है। राज्यपाल ने कहा कि मैं राम मंदिर के आंदोलन का हिस्सा था। अब ये सब देखकर मुझे कितना आनंद आ रहा है, मैं बता नहीं सकता। कलराज मिश्र ने कहा कि मैं इस आंदोलन में सक्रिय रूप से भागीदार था। मैं हर चीज का साक्षी रहा हूं। गोलियां चली तब भी मैं इसका साक्षी रहा हूं। मिश्र ने आगे कहा कि वहां मेरा निरंतर जाना होता था। 6 दिसंबर को जब ढांचा ढहा तब मैं वहीं मंच पर मौजूद था।
"जब ढांचा ढह रहा था तब मैं उसको देख रहा था..."
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 6 दिसंबर को जब ढांचा ढह रहा था तब मैं उसको देख रहा था। मुझे उसी दिन लग रहा था कि इस मंदिर का निर्माण भव्य तरीके से होगा और सबसे बड़ी बात यह है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय किया कि गर्भ गृह के स्थान पर मंदिर का निर्माण होगा और हुआ भी है। राजस्थान के राज्यपाल ने कहा कि जब मंदिर का निर्माण हुआ है तो स्वाभाविक रूप से बहुत ही आनंद की अनुभूति हो रही है।
राज्यपाल ने अयोध्या रवाना किए 2.50 लाख लड्डू
बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से 2 लाख 50 हजार लड्डू भेजे गए हैं। जिन्हें गुरुवार को राज्यपाल कलराज मिश्र ने भगवा झंडा दिखाकर रवाना किया। राज्यपाल के बालाजी मंदिर पहुंचने पर मंदिर महंत डॉ. नरेशपुरी महाराज ने उनका स्वागत किया। जिसके बाद राज्यपाल मिश्र ने बालाजी महाराज के दर्शन कर विशेष पूजा अर्चना की। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल व महंत ने बालाजी मंदिर की वेबसाइट लॉन्च की। इसके बाद राम दरबार की पूजा अर्चना कर प्रसादी का भोग लगाया और अयोध्या के लिए लड्डुओं से भरे वाहनों को भगवा झंडा दिखाकर रवाना किया।
"गोलियां चली, जेल गए... मैं सबका साक्षी रहा"
राज्यपाल ने मीडिया से बात करते हुए अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को ऐतिहासिक कार्यक्रम बताया। उन्होंने कहा कि वर्षों के संघर्ष के बाद भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। यह प्रत्येक भारतवासी के लिए गर्व का अवसर है। राम मंदिर आंदोलन में शामिल होने के सवाल पर राज्यपाल मिश्र ने कहा मुझे तो इतने आनंद की अनुभूति हो रही है कि मेरे पास कहने को कोई शब्द नहीं है। मेरा सौभाग्य रहा कि जन्मभूमि आंदोलन में शामिल होने का अवसर मिला। उस दौरान कारसेवा हुई, गोलियां चली, जेल गए, शिलापूजन कार्यक्रम हुए, रथयात्रा निकली उन सब मूवमेंट का मैं साक्षी रहा।
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