Highlights
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को जयपुर में कोरोना की स्थिति पर समीक्षा के लिये बैठक की अध्यक्षता की।
- गहलोत ने सख्त लहजे में कहा कि यह राज्य की राजधानी का मामला है जिसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
- राज्य में गुरुवार को कुल 252 कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में से राजधानी जयपुर में 185 सक्रिय मामले पाये गये।
जयपुर: राजस्थान सरकार जयपुर में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से राज्य में और पाबंदियां लगा सकती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक के दौरान अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिये। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को जयपुर में कोरोना की स्थिति पर समीक्षा के लिये बैठक की अध्यक्षता की और अधिकारियों को जांच के दायरे को बढ़ाने तथा अधिक पाबंदियां लगाने के लिये निर्देशित किया। गहलोत ने सख्त लहजे में कहा कि यह राज्य की राजधानी का मामला है जिसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए अन्यथा स्थिति विस्फोटक हो सकती है।
‘गुरुवार को जयपुर में 185 मामले पाये गये’
गहलोत ने साथ ही कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामले जयपुर में सामने आ रहे हैं। राज्य में गुरुवार को कुल 252 कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में से राजधानी जयपुर में 185 सक्रिय मामले पाये गये थे, जिससे राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 773 और राजधानी जयपुर में सक्रिय मामलों की संख्या कुल 521 हो गई थी। बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह ने स्कूलों को बंद करने का सुझाव दिया जबकि अन्य लोगों ने धार्मिक स्थलों को बंद करने, शादी समारोह में मेहमानों की संख्या कम करने सहित अन्य सुझाव दिये।
‘सक्रिय मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है’
गहलोत ने जयपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से सवाल किया कि पिछले 15 दिनों में सक्रिय मामलों की बढ़ती संख्या के बावजूद जांच के नमूनों की संख्या क्यों नहीं बढ़ायी गयी। उन्होंने कहा कि जयपुर में प्रतिदिन लिये जा रहे जांच के नमूनों की संख्या स्थिर है जबकि कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने भी कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये स्कूलों को बंद करने, जांच के लिये नमूनों की संख्या बढाने और अन्य कड़े कदम उठाने का सुझाव दिया। बैठक में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक एम एल लाठर समेत अन्य प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।