दौसा (राजस्थान): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजस्थान को लेकर अपना ट्रंप कार्ड चल दिया। विकास की रफ्तार और रफ्तार से विकास के जिस मॉडल की पीएम मोदी चर्चा करते है आज दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के पहले फेज का लोकार्पण करके उसकी झलक दिखा दी। पीएम मोदी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड को राष्ट्र को समर्पित किया है। सोहना और दौसा के बीच की दूरी 246 किलोमीटर है। हालांकि, इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में उनके दौरे के कई राजनीतिक मायने भी लगाए जा रहे हैं।
कांग्रेस के गढ़ में पीएम मोदी का दांव
करीब 15 दिन पहले ही पीएम मोदी ने भीलवाड़ा में देवनारायण मंदिर दर्शन करने पहुंचे थे। उस समय उन्होंने राजस्थान के गुर्जर मतदाताओं को साधने का प्रयास किया। अब बीजेपी और प्रधानमंत्री की निगाहें पूर्वी राजस्थान की तरफ टिक गई हैं। मोदी के भाषण में आज इसका चुनावी गेमप्लान उस वक्त साफ भी हो गया जब उन्होंने कहा कि ये तो ट्रेलर है पिक्चर अभी बाकी है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने आज कि अगर पांच साल राजस्थान में बीजेपी की सरकार होती तो तस्वीर कुछ और होती।
ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग
आपको बता दें कि आज जिस जगह पर प्रधानमंत्री मोदी आए थे वह मीणा और गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है। पिछले विधानसभा चुनाव में गुर्जर और मीणा जाति के वोटर्स का अधिकतर झुकाव कांग्रेस की तरफ रहा था। पीएम मोदी के दौरे से पहले दौसा सहित आसपास के जिलों में उनके स्वागत की खास तैयारी की जा रही थी। आम जनता और कांग्रेस के नेता पीएम का स्वागत तो कर रहे थे लेकिन ईआरसीपी (Eastern Rajasthan Canal Project) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग भी उठा रहे थे।
मोदी ने गहलोत के पाले में डाला मुद्दा
पीएम मोदी ने दौसा में जनसभा के दौरान कहा, ''पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पानी की समस्या खत्म करने के लिए ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। हमने डिटेल रिपोर्ट राजस्थान और मप्र को भेजी है। दोनों राज्य सरकारों की मंजूरी के बाद केंद्र सरकार इसे आगे बढ़ाएगी।''
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सचिन पायलट ने क्या कहा?
वहीं, इसे लेकर अब कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रधानमंत्री मोदी पर ट्वीट कर निशाना साधा है। सचिन पायलट ने ट्वीट कर कहा, ''पिछले 15 दिनों में प्रधानमंत्री जी दूसरी बार राजस्थान आए, मगर ERCP को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की दिशा में आज भी कोई कदम नहीं उठाया। ERCP 13 जिलों के लिए संजीवनी है और लाखों लोगों की समृद्धि का सवाल है। इसको राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने से बचना ठीक नहीं है।''
ERCP पूर्वी राजस्थान का सबसे बड़ा मुद्दा है। दौसा सहित पूर्वी राजस्थान के अधिकतर जिले डार्क जोन क्षेत्र में आते हैं, जहां लोगों को सिंचाई के लिए तो दूर की बात है पीने के लिए पानी भी नहीं मिल पाता।