जयपुर: राजस्थान में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र के साथ टकराव होने के अगले दिन राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि वह राज्य की सरकार गिराने की भारतीय जनता पार्टी (BJP) की साजिश को विफल करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति के पास भी जाएंगे। फेयरमोंट होटल में विधायकों को संबोधित करते हुए, गहलोत ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो हम 21 और दिनों के लिए होटल में रहेंगे। विधायकों ने हाथ उठाकर मुख्यमंत्री के बयान का स्वागत किया। खरीद-फरोख्त के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए विधायक होटल में डेरा डाले हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने शाम 4 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई। कथित तौर पर विधानसभा सत्र के नए प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए यह बुलाई गई। जहां कुछ कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री दिन में राज्यपाल से मिलने वाले थे, वहीं राजभवन के अधिकारियों ने बताया, "ऐसी कोई अपॉइंटमेंट नहीं मांगी गई है।"
दरअसल, भाजपा नेताओं को राज्य में कोरोनोवायरस के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर शाम 4.30 बजे राज्यपाल से मिलना था। विधानसभा सत्र बुलाने का अनुरोध ठुकराने के कारण राज्यपाल को गहलोत सरकार की तरफ से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। राज्यपाल ने शुक्रवार को कहा था कि कोई भी संवैधानिक नियम से ऊपर नहीं है।
कहा गया कि कैबिनेट की बैठक में सत्र बुलाने का कोई जिक्र नहीं किया गया था। इसका न तो औचित्य है और न ही किसी एजेंडे में संक्षिप्त नोटिस पर बुलाने का प्रस्ताव किया गया है। सामान्य प्रक्रिया में, सत्र बुलाने के लिए 21 दिन के नोटिस की जरूरत होती है।
राज्य सरकार को विधायकों की स्वतंत्रता और स्वतंत्र गतिविध सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कहा कि कुछ विधायकों की अयोग्यता का मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है, राज्य सरकार को इसे संज्ञान में लेना चाहिए। इसने राज्य सरकार से यह विवरण साझा करने के लिए भी कहा कि राज्य में कोरोनावायरस के प्रसार के बीच सत्र कैसे बुलाया जाएगा।