Rajasthan CM Candidate: राजस्थान विधानसभा चुनावों में बीजेपी को प्रचंड जीत हासिल हुई है। उसने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। अब नई चर्चा ये है कि राजस्थान में बीजेपी किसे मुख्यमंत्री बनाएगी। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पद की रेस में अभी तक 4 नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं, जिसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, महंत बालकनाथ, राजस्थान बीजेपी के प्रमुख सीपी जोशी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत शामिल हैं। गौरतलब है कि राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 115 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं कांग्रेस महज 69 सीटों पर सिमटकर रह गई। अन्य में 15 कैंडीडेट शामिल हैं।
महंत बालकनाथ
इस चुनाव में महंत बालकनाथ काफी चर्चा में रहे। वह अलवर से बीजेपी सांसद हैं और उन्होंने तिजारा सीट पर जीत हासिल की है। उनकी उम्र अभी 40 साल है और वह यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह नाथ संप्रदाय से आते हैं। उन्होंने 6 साल की उम्र में ही संन्यास ले लिया था और वह हमेशा से समाज की सेवा ही करना चाहते थे।
वसुंधरा राजे
वसुंधरा राजे राजस्थान में बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं। वह पहले भी राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। दो बार की पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने झालावाड़ के झालरापाटन निर्वाचन क्षेत्र से 53,193 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है और कुल 1,38,831 वोट हासिल कर सदन में नया कार्यकाल हासिल किया है। वह कांग्रेस उम्मीदवार रामलाल पर भारी पड़ीं, जिन्हें 85,638 वोट मिले।
सीपी जोशी और शेखावत
2014 से चित्तौड़गढ़ से 2 बार के लोकसभा सदस्य सीपी जोशी भी मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं। वह वर्तमान में राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा जोधपुर से लोकसभा सदस्य और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को भी मुख्यमंत्री बनने के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। शेखावत 2014 से निचले सदन में जोधपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
दीया कुमारी और राजेंद्र राठौड़
उभरती हुई नेता दीया कुमारी, जिन्होंने भाजपा के टिकट पर विद्याधर नगर सीट जीती, उन्हें भी एक मजबूत सीएम दावेदार के रूप में देखा जाता है। दीया कुमारी जयपुर रियासत के अंतिम शासक मान सिंह द्वितीय की पोती हैं। साल 2013 में बीजेपी में शामिल होने के बाद से दीया कुमारी ने पार्टी के टिकट पर लड़े गए दोनों चुनावों में जीत हासिल की। वह 2013 में सवाई माधोपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा की निर्वाचित सदस्य बनीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में वह राजसमंद से सांसद चुनी गईं।
राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ को भी चुनाव में संभावित सीएम दावेदार के रूप में देखा जा रहा था। हालांकि, वह कांग्रेस उम्मीदवार नरेंद्र बुडानिया से 10,345 वोटों के अंतर से हार गए।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने क्या कहा?
विधानसभा चुनावों में विजेता बनने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा, "हमने पीएम मोदी के नेतृत्व में राजस्थान चुनाव लड़ा और लोगों ने हमें राज्य में वापस वोट दिया। मैं सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं, जिन्होंने पिछले 5 वर्षों में अथक परिश्रम किया, और राजस्थान के लोगों को भी धन्यवाद।” उन्होंने कहा कि बीजेपी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, संसदीय बोर्ड, मुख्यमंत्री पद पर अंतिम फैसला लेंगे।
गौरतलब है कि राजस्थान में 25 नवंबर को 200 विधानसभा सीटों में से 199 सीटों के लिए मतदान हुआ था। राज्य में बहुमत का आंकड़ा 100 है। कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कूनर के निधन के बाद करणपुर निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान स्थगित कर दिया गया था।