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राजस्थान CM के बेटे वैभव गहलोत ED के सामने हुए पेश, पढ़ें पूरा केस

अशोक गहलोत और कांग्रेस ने ED के इस कदम को राजनीति से प्रेरित बताया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया था कि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसी चुनाव आते ही भाजपा की ‘पन्ना प्रमुख’ (पार्टी कार्यकर्ता) बन जाती हैं।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: October 30, 2023 15:53 IST
vaibhav gehlot- India TV Hindi
Image Source : PTI वैभव गहलोत ने दिल्ली में ईडी के समक्ष दी हाजिरी

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा) संबंधी मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कार्यालय में पेश हुए। संघीय एजेंसी ने 43 वर्षीय वैभव को फेमा के प्रावधानों के तहत समन जारी कर उन्हें ए पी जे अब्दुल कलाम रोड पर स्थित ईडी के मुख्यालय में पेश होने को कहा था। वैभव राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सदस्य भी हैं। उन्होंने समन जारी किए जाने के बाद कहा था कि एजेंसी उनके खिलाफ ‘‘10-12 साल पुराने मामले में झूठे आरोप लगा रही है और वह भी चुनाव की तारीखें घोषित होने के बाद।’’

वैभव गहलोत ने क्या कहा?

कुल 200 सीट वाली राजस्थान विधानसभा के लिए मतदान 25 नवंबर को होगा। राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में मतगणना तीन दिसंबर को होगी। एजेंसी ने फेमा के तहत वैभव गहलोत का बयान दर्ज किया, जिसके तहत कानूनी कार्यवाही की प्रकृति दीवानी है। वैभव ने एक घंटे के दोपहर के भोजन के अवकाश के लिए ईडी के कार्यालय से बाहर आने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा और मेरे परिवार का फेमा या विदेशी लेनदेन से कोई लेना-देना नहीं है...उन्होंने मुझे समन के तहत पेश होने के लिए कम समय दिया। मैंने 15 दिन का समय मांगा था...उन्हें मुझे और समय देना चाहिए था।’’

क्या है वैभव गहलोत से जु़ड़ा मामला?
इस समन का संबंध राजस्थान स्थित आतिथ्य क्षेत्र से जुड़े समूह ‘ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’, ‘वर्धा एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड’ और इसके निदेशकों एवं प्रमोटर शिव शंकर शर्मा, रतन कांत शर्मा और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के हाल में मारे गए छापों से है। एजेंसी ने अगस्त में 3 दिनों तक जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में समूह और उसके प्रमोटर से जुड़े परिसरों पर छापे मारे थे। उसने छापेमारी के दौरान ‘‘आपत्तिजनक’’ दस्तावेज मिलने का दावा किया था और आरोप लगाया था कि ट्राइटन समूह ‘‘सीमा पार निहितार्थ वाले हवाला लेन-देन में शामिल था।’’ ईडी ने एक बयान में बताया था कि इस छापेमारी के बाद उसने 1.
2 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी जो आय के ज्ञात स्रोत से अधिक थी और डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल इत्यादि भी जब्त किए गए थे। उसने कहा था कि ये ‘‘समूह द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए ऐसे लेन-देन को दर्शाते है, जिनका बही-खाते में रिकॉर्ड नहीं है।’’ वैभव गहलोत के साथ रतन कांत शर्मा के कथित संबंध प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में हैं। रतन कांत शर्मा कार किराये पर देने वाली एक कंपनी में वैभव गहलोत के कारोबारी साझेदार हैं।

'चुनाव आते ही भाजपा की ‘पन्ना प्रमुख’बन जाती हैं ईडी'
अशोक गहलोत और कांग्रेस ने ED के इस कदम को राजनीति से प्रेरित बताया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया था कि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसी चुनाव आते ही भाजपा की ‘पन्ना प्रमुख’ (पार्टी कार्यकर्ता) बन जाती हैं। खरगे ने कहा, ‘‘राजस्थान में अपनी हार निश्चित देखकर भारतीय जनता पार्टी ने अपना आखिरी दांव चला है। छत्तीसगढ़ के बाद ईडी अब राजस्थान में भी चुनाव प्रचार में उतर गई है और उसने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।’’ अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने बेटे को भेजे गए ईडी के समन की तस्वीर साझा की थी और एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि कांग्रेस ने 25 अक्टूबर को राजस्थान की महिलाओं के लिए गारंटी की घोषणा की थी और कांग्रेस की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ ईडी की छापेमारी और वैभव के खिलाफ कार्रवाई इसी के एक दिन बाद हुई।

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