राजस्थान के आदिवासी बहुल प्रतापगढ़ जिले में एक महिला को निर्वस्त्र कर धरियावाद गांव में घुमाया गया था। मामले में कई आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। 21 वर्षीय गर्भवती महिला के साथ इस घिनौनी हरकत को अंजाम देने की घटना सामने आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीड़िता से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद सीएम ने पीड़िता को 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायत और सरकार नौकरी देने का ऐलान किया था। पीड़िता को नौकरी देने के फैसले को अब राजस्थान कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
नौकरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में रविवार रात आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में कॉन्ट्रैक्ट आधारित कार्मिकों के हितों की रक्षा के लिए राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलिवरी कॉर्पोरेशन का गठन करने, 80 से अधिक सामाजिक संस्थाओं को भूमि आवंटन जैसे कई फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जनजाति की महिला के साथ हुई घटना की निंदा की है। मंत्रिमंडल ने पीड़िता को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के तौर पर नौकरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
कर्मचारी के पद पर नियुक्ति
एक सरकारी बयान के मुताबिक, "पीड़िता को शिक्षा विभाग के स्थानीय राजकीय विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर नियुक्ति दी जाएगी। इससे पीड़िता का सामाजिक पुनर्वास हो सकेगा। मंत्रिमंडल ने राजस्थान चतुर्थ श्रेणी सेवा (भर्ती एवं सेवा की अन्य शर्तें) नियम, 1999 में शिथिलता प्रदान करते हुए नियुक्ति के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।"
बता दें कि गर्भवती महिला को पति और उसके परिवार वालों ने पीटा और फिर उसे नंगा कर गांव में घुमाया था। घटना 31 अगस्त की है। इस घटना को मणिपुर से जोड़ते हुए बीजेपी ने गहलोत सरकार पर हमला बोला। गहलोत सरकार पर राज्य में महिलाओं की सुरक्षा करने में नाकाम रहने का आरोप लगा।