जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनावों का परिणाम सामने आ चुका है। इस बार भी रिवाज कायम रहते हुए राज बदला है। कांग्रेस को हार मिली है और भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में वापसी की है। बीजेपी ने 199 सीटों में से कुल 115 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत पाया है। वहीं कांग्रेस मात्र 69 सीटों पर ही सिमट गई। इसके अलावा 3 सीटें भारत आदिवासी पार्टी, 2 सीट बहुजन समाज पार्टी, 1 राष्ट्रीय लोक दल, 1 राष्ट्रोया लोकतांत्रिक पार्टी और 8 सीटें निर्दलियों ने जीती हैं।
इस बार के परिणाम भले ही ऐतिहासिक कहे जा रहे हैं लेकिन इस बार पिछली बार की तुलना में कम महिलाएं चुनाव जीती हैं। नतीजे आने के बाद गठित होने 16वीं विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या घटकर 20 रह गई है जो निवर्तमान विधानसभा में 23 थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों की नौ-नौ महिला उम्मीदवार जीती हैं। इसके अलावा दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी सदन में जगह बनाई है।
पिछली विधानसभा में थीं 24 महिला विधायक
बता दें कि राज्य में कुल सीटें 200 हैं लेकिन मतदान से पहले उम्मीदवारों की मृत्यु के कारण 2023 और 2018 के विधानसभा चुनाव में 199 सीटों पर चुनाव हुआ। 2018 में, रामगढ़ सीट पर बाद में चुनाव हुआ जहां सफिया जुबेर जीती और विधानसभा में महिला विधायकों की कुल संख्या 24 हो गई। इस विधानसभा चुनाव में जीतीं कांग्रेस की नौ महिला उम्मीदवारों में शिमला देवी (अनूपगढ़), सुशीला डूडी (नोखा), रीटा चौधरी (मंडावा), शिखा मील बराला (चौमूं), शोभारानी कुशवाह (धौलपुर), अनिता जाटव (हिंडौन), इंद्रा (बामनवास), गीता बरवार (भोपालगढ़), रमिला खड़िया (कुशलगढ़) शामिल हैं।
बीजेपी से इन महिला उम्मीदवारों ने जीता चुनाव
भाजपा की नौ महिला विधायकों में दीया कुमारी (विद्याधर नगर), अनिता भदेल (अजमेर दक्षिण), मंजू बाघमार (जायल), शोभा चौहान (सोजत), दीप्ति किरण माहेश्वरी (राजसमंद), कल्पना देवी (लाडपुरा), वसुंधरा राजे (झालरापाटन), सिद्धि कुमारी (बीकानेर पूर्व), नौक्षम चौधरी (कामां) शामिल हैं। चुनाव में निर्दलीय के रूप में जीत हासिल करने वाली अन्य दो महिला विधायक रितु बनावत (बयाना) तथा प्रियंका चौधरी (बाड़मेर) हैं।
कुल 50 महिला उम्मीदवार थीं मैदान में
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 में 50 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं, जिनमें 20 भाजपा, 28 कांग्रेस और दो निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं। हालांकि, मुख्य राजनीतिक दलों की केवल 18 महिलाएं ही चुनाव जीत सकीं। वहीं 2018 के चुनावों में, भाजपा ने 23 और कांग्रेस ने 27 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। कांग्रेस की 12, भाजपा की 10 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) की एक उम्मीदवार और एक स्वतंत्र महिला उम्मीदवार ने चुनाव जीता था।