जयपुर: राजस्थान का चुनावी परिणाम हर बार चौंकाता है। इस बार भी इन परिणामों ने सभी राजनीतिक दलों के अलावा आम जनता को भी चौंकाया है। कई बड़े-बड़े दिग्गज रेगिस्तान की धूल में मिल गए। जिनके कोई जीतने की उम्मीद नहीं कर रहा था, वह जीत गए और जिनके हारने की संभावना कम थी वह इस बार हार गए। अशोक गहलोत को जहां वापसी की उम्मीद थी, वह राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपकर वापस आ गए हैं। लेकिन इस लेख में हम चर्चा करेंगे प्रदेश के सबसे अमीर उम्मीदवार की।
चुनाव आयोग में जमा किए गए हलफनामे के अनुसार, इस बार सबसे अमीर प्रत्याशी कांग्रेस के चुरू विधानसभा सीट से उम्मीदवार रफीक मंडेलिया थे। उन्होंने अपने पास 1,66,48,38,662 (166+ करोड़) रुपये की संपत्ति घोषित की थी। कांग्रेस प्रत्याशी लगातार चौथा चुनाव लड़ रहे थे। इससे पहले वह 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार रह चुके हैं। वहीं 2009 और 2019 का लोकसभा चुनाव भी रफीक कांग्रेस पार्टी से लड़ चुके हैं। लेकिन इस बार की तरह हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
6874 वोटों से हरे सबसे अमीर उम्मीदवार
जहां पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें भप के उम्मीदवार राजेंद्र राठौड़ से हार का सामना करना पड़ा तो इस बार राठौड़ के दोस्त हरलाल सहारन ने उन्हें मात दी है। हरलाल ने उन्हें 6874 वोटों से मात दी। हरलाल को जहां 99432 मत मिले तो रफीक को उनसे कम 92558 वोट ही मिल सके और इस बार भी हार का सामना करना पड़ा।
गहलोत ने स्वीकारी अपनी हार
वहीं चुनावों शिकस्त का सामना करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जनता का जो फैसला आ रहा है, हम उसे स्वीकार करेंगे। जो नई सरकार बनेगी हम उन्हें बधाई देंगे। जो नतीजे आए हैं वह चौंकाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि मैं जन सेवक हूं, मैं अंतिम सांस तक मैं प्रदेश वासियों की सेवा करूंगा। चुनाव में राहुल गांधी, खरगे जी सभी ने चुनाव में कोई कमी नहीं रखी। मैं कार्यकर्ताओं से कहना चाहूंगा चुनाव में हार और जीत होती रहती है, कई कारण बन जाते हैं।