जयपुर: राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कई टीमों ने आय से अधिक संपत्ति के संदेह में तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ चलाए गए तलाशी अभियान के बाद करोड़ों रूपये मूल्य की चल-अचल सम्पतियों का खुलासा किया है। ब्यूरो के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया कि अधिकारियों द्वारा कथित रूप से आय से ज्ञात स्रोत से अधिक सम्पति अर्जित करने के खिलाफ अभियान के तहत यह कार्रवाई की गयी। इन अधिकारियों में उदयपुर में अधीक्षण अभियंता (AVVNL) गिरीश कुमार जोशी, बूंदी जिले में पंचायत समिति केशोरायपाटन के सहायक विकास अधिकारी चिरंजीलाल एवं रीको जयपुर में सीनियर डी.जी.एम. सतीश कुमार गुप्ता शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि अधीक्षण अभियंता जोशी के विरूद्ध मामला दर्ज कर उनके चार स्थानों पर विभिन्न टीमों द्वारा तलाशी ली गयी, जिसमें चल-अचल सम्पतियों के बहुत सारे दस्तावेज मिले हैं। इनमें श्योभागपुरा (उदयपुर) में व्यावसायिक भूखण्ड, ग्राम कुण्डाल में तीन बीघा 14 बिस्वा जमीन, ग्राम पावडिया बडगांव में 9.10 बिस्वा कृषि भूमि, कई भूखंड एवं मकानों के दस्तावेज, विभिन्न बैकों एवं डाक घर में कुल 23 बैंक खातें, जिनमें लगभग 25 लाख रूपये जमा राशि, नगद राशि, सोने के आभुषण मिले हैं। इन चल-अचल सम्पतियों की बाजार में कीमत 20 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।
इस बीच, सहायक विकास अधिकारी चिरंजीलाल के खिलाफ कथित रूप से आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज कर उनके चार आवासों पर विभिन्न टीमों द्वारा तलाशी की गयी, जिनमें अनेक फ्लैट, भूखंड एवं कृषि जमीन के दस्तावेजों के साथ साथ 10 लाख रुपये से अधिक मूल्य के सोना-चांदी के आभूषण मिले हैं। इस चल-अचल सम्पतियों की बाजार में कीमत 13 करोड़ रूपये होने का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि गुप्ता के दो स्थानों पर तलाशी में अलवर में 20 बीघा कृषि भूमि, अलवर में चार मकान एवं 21 दुकानों के कागजात, जयपुर में 15 आवासीय भूखण्डों के कागजात, विभिन्न बैकों में 20 खाते, 80 लाख रुपये मूल्य का एक किलो 400 ग्राम सोना एवं तीन किलो चांदी के आभूषण मिले हैं। उपर्युक्त चल-अचल सम्पतियों की बाजार में कीमत करीब 20 करोड़ रूपये होने का अनुमान है।