जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी प्रचार तेज है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच यहां कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को राजस्थान के राजाखेड़ा, नदबई और गंगापुर सिटी में चुनावी रैलियों को संबोधित किया। वहीं राहुल गांधी बीजेपी पर चुनावी रैलियों में जमकर निशाना साध रहे हैं। राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि भाजपा दो भारत बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि वे दो भारत बनाना चाहते हैं। एक तरफ अडानीवाला भारत है और दूसरी तरफ सच्चा हिंदुस्तान, भारत माता है, जहां लोग कड़ी मेहनत करते हैं, 24 घंटे खून-पसीना बहाते हैं। हम दो भारत नहीं चाहते।
सरकार बनी तो सबसे पहले करेंगे जातीय जनगणना
वहीं आगे राहुल गांधी ने कहा कि अगर राजस्थान में कांग्रेस सरकार दोबारा सत्ता में आती है तो सबसे पहले जातीय जनगणना कराएगी। साथ ही जैसे ही हमारी सरकार केंद्र की सत्ता में आएगी, कांग्रेस पूरे देश में जातीय जनगणना कराएगी। उन्होंने कहा कि पिछड़े, गरीबों, दलितों और आदिवासियों की समान भागीदारी होनी चाहिए। उन्हें उनका हक मिलना चाहिए। जातीय जनगणना होने के बाद सरकारें उसके मुताबिक कार्रवाई कर सकेंगी। जातीय जनगणना के बाद भारत बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस दिन भारत अपने गरीबों, पिछड़ों, आदिवासियों और दलितों को देश चलाने में भाग लेने की अनुमति देगा, भारत में एक चमत्कार होगा।
चुनाव के समय ओबीसी बन जाते हैं मोदी
पीएम मोदी पर तंज कसते हुए राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हर भाषण में कहते हैं कि वह ओबीसी समाज से हैं। भारत में ओबीसी की जनसंख्या कितनी है? कोई नहीं जानता। हमारे देश में पिछड़े लोगों की आबादी कितनी है, यह कोई नहीं जानता, इसलिए जातीय जनगणना कराना और जिसका जो हक बनता है, उसे देना जरूरी है। राहुल गांधी ने कहा, जब से उन्होंने जातीय जनगणना की बात कही है, मोदी ने अपना भाषण बदल दिया है। तब से मोदी कहते हैं कि भारत में एक जाति है और वह है गरीब। जब चुनाव जीतने का समय आता है तो मोदी ओबीसी बन जाते हैं, लेकिन जब ओबीसी वर्ग को भागीदारी देने की बात आती है, तो कहते हैं केवल एक ही जाति है और वह है गरीब।
सिर्फ सांसदों और विधायकों से नहीं चलता देश
राहुल गांधी ने कहा कि भारत सांसदों और विधायकों से नहीं चलता। कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री के साथ कम से कम 90 अधिकारी देश चलाते हैं। ये लोग तय करते हैं कि बजट का कितना पैसा देश के स्वास्थ्य, शिक्षा, बीमा योजना और रक्षा में जाएगा। इन 90 अधिकारियों में से कितने आईएएस अधिकारी पिछड़े वर्ग से हैं? पिछड़ी आबादी लगभग 50 प्रतिशत है और इन 90 अधिकारियों में से केवल एक अधिकारी आदिवासी है और तीन अधिकारी दलित हैं। उन्होंने कहा कि आज पिछड़ों की आबादी लगभग 50 फीसदी है, मगर उनकी हिस्सेदारी पांच फीसदी से भी कम है।
(इनपुट: आईएएनएस)
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