जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक दिलचस्प खबर सामने आ रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जयपुर में कांग्रेस से BJP में आए पार्षदों का 'शुद्धिकरण' किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जयपुर की हवा महल विधानसभा सीट से BJP विधायक बालमुकुंद आचार्य ने पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं पर गंगाजल और गोमूत्र के मिश्रण का छिड़काव कर उनका 'शुद्धिकरण' किया। MLA बालमुंकुंद ने इससे पहले जयपुर नगर निगम हेरिटेज कार्यालय का 'शुद्धिकरण' किया, फिर पार्षदों पर गोमूत्र और गंगाजल का छिड़काव किया। उन्होंने कहा कि गंगाजल से शुद्धि करके अशुद्धि को निकाला गया है।
कुसुम यादव ने संभाली मेयर की कुर्सी
जयपुर हेरिटेज नगर निगम में हनुमान चालीसा और मंत्रोच्चार के साथ कार्यवाहक महापौर कुसुम यादव ने मेयर की कुर्सी संभाली। इस दौरान कई साधु संत भी मौजूद थे। बता दें कि बीजेपी ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद मेयर मुनेश गुर्जर को पद से हटा दिया था और उनकी जगह कुसुम यादव को उम्मीदवार बनाया था। कुसुम यादव को कांग्रेस के 7 पार्षदों और एक निर्दलीय पार्षद का समर्थन मिला था। बाद में ये आठों पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए और कुसुम यादव की ताजपोशी में मौजूद रहे। इस मौके पर बालमुकुंद आचार्य ने सभी पर गंगाजल और गोमूत्र के मिश्रण का छिड़काव किया। बालमुकुंद ने कहा कि आज से यह निगम भ्रष्टाचार मुक्त है।
‘नगर निगम में पवित्रता का माहौल रहेगा’
बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि शुद्धिकरण से सभी अशुद्धियों को दूर किया गया है और अब जयपुर नगर निगम में पवित्रता का माहौल रहेगा। बीजेपी विधायक आचार्य ने कहा, 'दिवाली में शहर की साफ-सफाई,साज-सज्जा होगी और जयपुर खूबसूरत दिखेगा। आज गंगाजल से शुद्धि की है इसकी, अशुद्धि को निकाला है। वैदिक मंत्रों के द्वारा पूजा अर्चना करके आज बहन जी विराजमान हुई हैं, गंगाजल से शुद्धि हुई है। हमने निगम को गंगाजल से शुद्ध किया है, सभी अशुद्धियों को दूर किया है। अब, नई महापौर के कार्यभार संभालने के बाद हम पवित्रता के माहौल में काम करेंगे।' उन्होंने कहा कि बीजेपी में शामिल हुए सभी पार्षदों के कानों में वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया गया है।
'शुद्धिकरण पर आई कांग्रेस की प्रतिक्रिया'
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी ने कहा कि यह अजीब बात है कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले सभी लोग अपने 'पापों' से मुक्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा, 'राज्य और केंद्र में बीजेपी के नेता पहले कांग्रेस नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और केंद्रीय जांच ब्यूरो केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा धमकाया जाता है, लेकिन जब वे भाजपा में शामिल होते हैं तो वे अपने अपराधों से मुक्त हो जाते हैं।' (भाषा)