Thursday, December 26, 2024
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राजस्थान में शव रखकर प्रदर्शन करने पर 5 साल तक जेल, परिजनों ने डेड बॉडी लेने से किया मना तो भी 1 साल की सजा

कार्यपालक मजिस्ट्रेट को मृतक का अंतिम संस्कार 24 घंटे में कराने की शक्ति प्रदान की गई है और यह अवधि विशेष परिस्थितियों में बढ़ाई भी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि परिजन द्वारा शव का अंतिम संस्कार नहीं करने की स्थिति में लोक प्राधिकारी द्वारा अंतिम संस्कार किया जा सकेगा।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Jul 20, 2023 21:05 IST, Updated : Jul 20, 2023 21:05 IST
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Image Source : FILE PHOTO राजस्थान में विरोध के लिए शव का इस्तेमाल करने पर 5 साल तक की सजा का प्रावधान

जयपुर: राजस्थान में शव रखकर विरोध प्रदर्शन करने वालों की अब खैर नहीं। अब अगर ऐसा किया गया को इसमें परिवार के सदस्यों के साथ नेताओं को भी सजा मिलेगी। दरअसल, विभिन्न घटनाओं में किसी की मौत होने के बाद मुआवजे और परिवार के सदस्यों के वास्ते सरकारी नौकरी जैसी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए शव के साथ विरोध प्रदर्शन की घटनाओं के मद्देनजर राजस्थान विधानसभा ने एक विधेयक पारित किया है। 'राजस्थान मृत शरीर सम्मान विधेयक-2023' नामक इस विधेयक में विरोध के लिए शव का इस्तेमाल करने पर 5 साल तक की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

2019 से अब तक ऐसी 306 घटनाएं  

संसदीय कार्यमंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि राजस्थान मृत शरीर का सम्मान विधेयक-2023 मृत शरीरों की गरिमा को सुनिश्चित करते हुए इनके धरना-प्रदर्शन में किए जाने वाले दुरुपयोग पर प्रभावी रोक लगाएगा। इस विधेयक से लावारिस शवों की डीएनए एवं जेनेटिक प्रोफाइलिंग कर डाटा संरक्षित भी किया जाएगा ताकि भविष्य में उनकी पहचान हो सके। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए धारीवाल ने कहा कि राज्य में शवों को रखकर धरना-प्रदर्शन की प्रवृत्ति दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उनका कहना था कि 2014 से 2018 तक इस तरह की 82 एवं 2019 से अब तक 306 घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऐसी घटनाओं पर प्रभावी रूप से रोक लगाने के लिए विधिक प्रावधान नहीं हैं, इसीलिए यह विधेयक लाया गया है। चर्चा के बाद विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

परिजनों मे मना किया तो लोक प्राधिकारी करेंगे अंतिम संस्कार
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि परिजन द्वारा मृत व्यक्ति का शव नहीं लेने की स्थिति में विधेयक में 1 साल तक की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि साथ ही, परिजन द्वारा धरना-प्रदर्शन में शव का उपयोग करने पर भी दो वर्ष तक की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, परिजन से भिन्न अन्य व्यक्ति द्वारा विरोध के लिए शव का इस्तेमाल करने पर 6 माह से 5 साल तक की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि कार्यपालक मजिस्ट्रेट को मृतक का अंतिम संस्कार 24 घंटे में कराने की शक्ति प्रदान की गई है और यह अवधि विशेष परिस्थितियों में बढ़ाई भी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि परिजन द्वारा शव का अंतिम संस्कार नहीं करने की स्थिति में लोक प्राधिकारी द्वारा अंतिम संस्कार किया जा सकेगा।

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