जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में पिछले कई महीनों से रह-रहकर सियासी तूफान उठता रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच वार पलटवार का एक नया दौर शुरू हो गया है। हाल ही में गहलोत ने नाम लिए बिना पायलट को ‘बड़ा कोरोना’ बता दिया था। गहलोत के इस बयान पर अब सचिन पायलट ने पलटवार किया है। सचिन पायलट ने कहा कि जीभ का इस्तेमाल करना आना चाहिए क्योंकि मुंह से निकली बात वापस नहीं आती।
‘आप जानते हैं कि मेरे बारे में क्या कहा गया’
पायलट ने महाराजा कॉलेज में पुस्तकालय के उद्घाटन के मौके पर छात्रों से कहा, 'राजनीति में मैंने अपने दिवंगत पिता से बहुत कुछ देखा और सीखा है। राजनीतिक क्षेत्र में मैंने उन्हें बड़ों पर जीत हासिल करते हुए देखा है। दूसरों का अपमान करना और छोटी-छोटी बातें कहना अच्छी बात नहीं है। आप सभी जानते हैं कि मेरे बारे में क्या कहा गया।' फिर पायलट छात्रों से पूछते हैं, 'मेरे बारे में क्या कहा गया था?' छात्रों ने ऊंची आवाज में कहा 'कोरोना।' पायलट फिर पूछते हैं, 'मेरे बारे में पहले क्या कहा गया था?' जवाब आया, 'निक्कमा।'
‘जीभ को इस्तेमाल करना आना जरूरी है’
पायलट ने कहा, ‘पिछले 5 दिनों से मैंने केवल मुद्दों पर भाषण दिया है। किसी के खिलाफ कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाया गया है। व्यक्तिगत आलोचना करना, गाली देना और कठोर शब्द बोलना बहुत आसान है। 32 दांतों के पीछे बिना हड्डी वाली जीभ का संतुलन और इस्तेमाल करना आना बहुत जरूरी है। मुंह से निकली बात कभी वापस नहीं आती। इस पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है। इसे मजबूत करने के लिए हम लगातार काम करें। पहली बार 2014 में राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनाया। उस वक्त हमारे पास सिर्फ 21 विधायक रह गए थे।’
‘हमारी पार्टी के अंदर बड़ा कोरोना आ गया था’
हाल ही में वायरल एक वीडियो में अशोक गहलोत कहते दिख रहे हैं कि महामारी के बाद पार्टी में ‘बड़ा कोरोना’ आ गया है। माना जा रहा है कि गहलोत ने पायलट की तुलना कोरोना वायरस से की। बुधवार को संविदा कर्मचारियों के साथ बैठक के दौरान जब उनके नेता शमशेर खान ने मुख्यमंत्री से किसी से न मिलने की शिकायत की तो गहलोत ने टोकते हुए कहा, ‘तुम ठीक कह रहे हो, पर अब मिलना शुरू हो गया है, पिछले सोमवार को मिला था। हुआ ये था कि हमारी पार्टी के अंदर कोरोना पहले आया और फिर बड़ा कोरोना आ गया।’
गहलोत सरकार पर लगातार हमला कर रहे हैं पायलट
गहलोत के इस बयान को पायलट के अपनी सरकार पर बार-बार हमले के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि पायलट विभिन्न जिलों में सोमवार से शुरू हुई अपनी दैनिक जनसभाओं में पेपर लीक, पार्टी कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने और रिटायर हो चुके नौकरशाहों की राजनीतिक नियुक्तियों के मुद्दों पर राज्य सरकार पर निशाना साध रहे हैं। दिसंबर 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही गहलोत और पायलट के बीच सत्ता को लेकर खींचतान चल रही है।