जयपुरः राजस्थान के स्वायत्त शासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा ने बुधवार को कहा कि चितौड़गढ़ में कूटरचित दस्तावेज एवं अनियमितता के जरिए अगर किसी भी गैर-भारतीय व्यक्ति ने भूखण्ड आवंटन करवा लिया है तो उसे निरस्त किया जाएगा। मंत्री ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस तरह भूखंड आवंटन करवा लेने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
जांच करवाकर कानूनी एक्शन भी लिया जाएगा
उन्होंने कहा कि इस संबंध में संज्ञान में लाई जाने वाली शिकायतों की अतिरिक्त जिला कलेक्टर के माध्यम से विधिक जांच करवाकर रिपोर्ट के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्वायत्त शासन मंत्री बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने आश्वस्त किया कि देश में सभी वर्ग के पात्र लोगों को भूखण्ड आवंटन के पट्टे प्राप्त करने का हक है।
पात्र परिवारों को दिया जाएगा लाभ
मंत्री ने कहा कि भूखण्ड आवंटन से वंचित सभी पात्र परिवारों को योजना बनाकर इस वर्ष के अन्त तक पुनर्वासित करने के प्रयास किए जाएंगे। उनका कहना था कि यदि पूर्व में अपात्र व्यक्ति को भूखण्ड आवंटन किया गया है तो उन मामलों में भी आवंटन निरस्त करते हुए संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई भी की जाएगी।
2430 पट्टे किए गए थे
इससे पहले विधायक चन्द्रभान सिंह के मूल प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री ने बताया कि चित्तौड़गढ़ के शहरी क्षेत्र में वर्तमान में 20 कच्ची बस्तियां 1999 से पहले से हैं और इन कच्ची बस्तियों में नगर परिषद द्वारा 2430 पट्टे जारी किए गए हैं। उनका कहना था कि वंचित निवासियों में से पात्र परिवारों को नियमानुसार पट्टे दिए जाएंगे।
जल जीवन मिशन योजना में अनियमितताओं के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी
वहीं, राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि राज्य में जल जीवन मिशन योजना में अनियमितताओं के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान इस योजना के कार्यान्वयन को लेकर पिछली सरकार पर निशाना साधा।
(इनपुट- भाषा)