राजस्थान को दौसा के महवा में ग्रामीणों की शिकायत पर पाइपलाइन जल जीवन मिशन की जांच में गड़बड़ी मिली तो PHED मंत्री कन्हैयालाल चौधरी भड़क गए। उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों से मामले को लेकर पूछा तो वो जवाब नहीं दे पाए। वे मेजरमेंट बुक समेत अन्य कागजों को दिखाने में आनाकानी करने लगे। मौके पर ही मंत्री ने जलदाय विभाग के 5 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। इसमें एक जूनियर इंजीनियर, एक असिस्टेंट इंजीनियर, 2 एक्सईएन और 1 जेईएन शामिल हैं। इसके अलावा अधीक्षण अभियंता कैलाशचंद मीणा के मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
पेयजल समस्या के बारे में बताने लगे ग्रामीण
दरअसल, दौसा के महवा में PHED मंत्री को 234 करोड़ रुपये की ईसरदा पेयजल परियोजना का सोमवार को शिलान्यास करना था। कार्यक्रम के बाद वे रवाना हुए और NH- 21 स्थित पीपलखेड़ा गांव में रुके। यहां मौजूद ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और पेयजल समस्या के बारे में बताने लगे। मंत्री कन्हैयालाल चौधरी के साथ क्वालिटी कंट्रोल की 7 लोगों की टीम मौजूद थी। इसके अलावा दौसा जिले के जलदाय विभाग के अधिकारी भी थे।
मंत्री ने पाइपलाइन जांच के दे दिए निर्देश
मंत्री ने उनके साथ मौजूद क्वालिटी कंट्रोल की टीम को पाइपलाइन जांच के निर्देश दे दिए। जांच में पाइप मेजरमेंट के हिसाब से नहीं थे। वहीं, पाइपों की क्वालिटी भी ठीक नहीं थी। ये पाइपलाइन विभाग के मापदंड के मुताबिक नहीं थे। साथ ही आधा दर्जन ट्यूबवेल भी बंद मिले। PHED मंत्री ने मौके पर मौजूद जलदाय विभाग के अधिकारियों से मेजरमेंट बुक मांगी, तो उन्होंने नहीं दी। आनाकानी करने लगे। मंत्री ने कहा, "चोरी की है तभी नहीं दिखा रहे। मैं तो कहता हूं, साथ चलो और 10 किमी तक एक-एक लाइन चेक कर लेते हैं।" इसके बाद भी जब अधिकारियों ने सूचना नहीं दी, तो मंत्री ने विभाग के सचिव समित शर्मा को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी। साथ ही तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए।
- महेश बोहरा की रिपोर्ट
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