जयपुर: राजस्थान में रविवार सुबह से पेट्रोल-डीजल की मारामारी मचने वाली है। राज्य के पेट्रोल पंप संचालक रविवार 10 मार्च की सुबह 6 बजे से 48 घंटे की हड़ताल पर जाने वाले हैं। इस दौरान वह एक बूंद भी डीजल-पेट्रोल की खरीद और बिक्री नहीं करेंगे। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने इस हड़ताल के बारे में बताते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में महंगे पेट्रोल-डीजल का मुद्दा उठाया था।
'पड़ोसी राज्यों में सस्ता तेल'
एसोसियेशन के एक अधिकारी ने कहा कि चुनव के समय बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाया था। लेकिन दिसंबर में सरकार बनने के बाद अभी तक इस विषय में कोई बात की गई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की सीमा से पंजाब, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश लगते हैं। इन सभी राज्यों में डीजल-पेट्रोल सस्ता है, लेकिन यहां महंगा है। सीमाई इलाकों में लोग इन राज्यों में जाकर तेल की खरीद कर रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि कई सीमाई पंप बंद होने की कगार पर हैं।
सुबह 6 बजे से अगले 48 घंटों के लिए नो परचेज नो सेल हड़ताल
राजस्थान पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष संदीप बगेरिया ने कहा कि राजस्थान पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने सुबह 6 बजे से अगले 48 घंटों के लिए "नो परचेज नो सेल" हड़ताल की घोषणा की है। इसका उद्देश्य हड़ताल को खत्म करना है। राज्य में ईंधन की ऊंची कीमतों पर सरकार का ध्यान। पीएम नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि बीजेपी सरकार पेट्रोल की कीमतें कम करेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। हमारे व्यापार संघ के 33% डीलर बंद होने की कगार पर हैं।
पेट्रोल की कीमतें कम करने की जरूरत- एसोसिएशन
उन्होंने कहा कि राजस्थान में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा वैट है, इसलिए राज्य में पेट्रोल की कीमतें कम करने की जरूरत है, जो अन्य राज्यों की कीमतों के बराबर हैं। कोविड के दौरान सरकार ने पेट्रोल की कीमतों पर वैट बढ़ा दिया था। जिन्हें संशोधित नहीं किया गया है। अब हम इस हड़ताल के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं, जिससे दाम कम कराए जा सकें।