लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को कोटा संसदीय सीट 41,139 से अधिक मतों के अंतर से जीत ली। ओम बिरला इस सीट से 2014 से सांसद हैं। इसके साथ ही वह 20 वर्षों में निचले सदन के लिए दोबारा निर्वाचित होने वाले पहले पीठासीन अधिकारी बन गए। निचले सदन के लिए पुनः निर्वाचित होने वाले अंतिम लोकसभा अध्यक्ष पी. ए. संगमा थे, जो 1996 से 1998 तक 11वीं लोकसभा के पीठासीन अधिकारी थे। उस समय कांग्रेस के सदस्य रहे संगमा 1998 के लोकसभा चुनाव में मेघालय के तुरा से दोबारा निर्वाचित हुए।
1999 के बाद लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव में प्रदर्शन कैसा रहा?
आंध्र प्रदेश के अमलापुरम से 1999 में तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के सांसद जी. एम. सी. बालयोगी लोकसभा अध्यक्ष चुने गए थे। 2002 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में बालयोगी की मृत्यु हो गई। बालायोगी के बाद शिवसेना के मनोहर जोशी लोकसभा अध्यक्ष बने। जोशी हालांकि, 2004 का लोकसभा चुनाव मुंबई उत्तर मध्य सीट से कांग्रेस नेता एकनाथ गायकवाड़ से हार गए। बोलपुर सीट से 2004 में जीतने वाले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष चुने गए। हालांकि, 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी से मतभेदों के चलते चटर्जी ने राजनीति से संन्यास ले लिया।
2019 में ओम बिरला को चुना गया लोकसभा अध्यक्ष
कांग्रेस सांसद मीरा कुमार 2009 में बिहार की सासाराम संसदीय सीट से जीतीं और 15वीं लोकसभा की अध्यक्ष चुनी गईं। हालांकि, 2014 और 2019 में मीरा कुमार चुनाव हार गईं। इंदौर से भाजपा सांसद सुमित्रा महाजन 2014 में लोकसभा अध्यक्ष चुनी गईं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने महाजन को मैदान में नहीं उतारा। कोटा से लोकसभा सदस्य भाजपा के बिरला को 2019 में लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। 2024 में बिरला ने कांग्रेस के प्रहलाद गुंजल को हराकर कोटा संसदीय सीट बरकरार रखी। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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