पिछले साल सितंबर के महीने में राजस्थान की राजनीति में बवाल मच गया था। अशोक गहलोत ने दावा किया था कि उनके समर्थन में 90 विधायकों ने इस्तीफा दिया है। लेकिन मामले में पहली बार जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया था उनके नाम सामने आए हैं। लिस्ट में 90 नहीं बल्कि 81 विधायकों के इस्तीफे की बात सामने आई है। वहीं एक चौंकाने वाला खुलासा भी हुआ है। विधानसभा सचिव की तरफ से हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि 81 विधायकों के इस्तीफे स्वैच्छिक नहीं थे। इसलिए इन्हें मंजूर नहीं किया गया।
इस्तीफा देने वाले 81 विधायकों का पूरा ब्योरा
दरअसल, मामले में उपनेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ की याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट चीफ जस्टिस पंकज मित्थल की बेंच में सुनवाई हुई। विधानसभा सचिव की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पैरवी की। राज्य के महाधिवक्ता भी पेश हुए। विधानसभा सचिव महावीर प्रसाद शर्मा ने सोमवार को इस्तीफा देने वाले 81 विधायकों का पूरा ब्योरा पेश किया।
विधानसभा स्पीकर ने क्या कहा?
विधानसभा स्पीकर ने इस्तीफे वापसी का कारण बताया है। इसमें लिखा है- 'सभी विधयाकों ने अलग-अलग मेरे सामने पेश होकर स्वैच्छिक रूप से इस्तीफे वापस लिए जाने के प्रार्थना-पत्र पेश किया है। प्रार्थना पत्रों में यह साफ उल्लेख किया है कि उनके द्वारा पहले दिए गए इस्तीफे स्वैच्छिक नहीं थे। अब अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी।
81 विधायकों के इस्तीफे लेकर गए थे
25 सितंबर को विधानसभा स्पीकर के सामने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी, उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, कांग्रेस विधायक रफीक खान, निर्दलीय विधायक और सीएम के सलाहकार संयम लोढा सहित 81 विधायकों के इस्तीफे लेकर गए थे, इनमें पांच विधायकों के इस्तीफे की फोटोकॉपी थी।