जयपुर: प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुधारने और लोकल स्तर पर इंटेलिजेंस को मजबूत करने के लिए राजस्थान पुलिस अब तमिलनाडु की तर्ज पर नया उपयोग करने जा रही है। तमिलनाडु के मॉडल पर राजस्थान पुलिस भी फ्रेंड्स ऑफ पुलिस की शुरुआत करेगी। प्रदेश की पुलिसिंग में इस मॉडल को अंतिम रूप देने की तैयारी चल रही है और जल्द ही DGP कपिल गर्ग खुद इसे लॉन्च करेंगे।
क्या है फ्रेन्ड्स ऑफ पुलिस?
जैसा कि इस नाम से ही अर्थ समझ आ जाता है कि पुलिस को सहयोग करने वाले वो मित्र जो लोगों के बीच में रहकर पुलिस की आंख-कान बने रहेंगे। फ्रेन्ड्स ऑफ पुलिस यानी FOP का उद्देश्य पुलिस और आम जनता को करीब लाने के साथ लोगों को अपराध रोकने के प्रति जागरुक बनाने और आपराधित तत्वों को रोकने जैसे काम में पुलिस को सक्षम बनाना होगा। यह पुलिस के काम मे निष्पक्षिता और पार्दर्शिता लाएगा।
पुख्ता रिपोर्ट सही वक्त पर पुलिस को पहुचाने के लिए फ्रेन्ड्स ऑफ पुलिस को लॉन्च किया जा रहा है। किसी भी थाने इलाके में किसी भी विवाद को निपटाने और उस विवाद की जड़ तक सच्चाई के साथ पहुंचने के लिए फ्रेंड्स ऑफ पुलिस सबसे मुफीद साबित होंगे। तमिलनाडु में अभी फ्रेन्ड्स ऑफ पुलिस असरदार साबित हो रही है। राजस्थान पुलिस भी तमिलनाडु के अधिकारियों के सम्पर्क में है और उनसे FOP के बारे मे सूक्ष्म जानकारी जुटाने में लगे हुई है।
बेदाग और ईमानदार लोग ही पुलिस के इस प्रोजेक्ट के साथ जुड़ सकेंगे। लोकल स्तर पर जो कोई भी इससे जुड़ना चाहेगा स्वेच्छा से वो जुड़ सकेगा। जिस व्यक्ति को फ्रेन्डस ऑफ पुलिस के वेंचर में जोड़ा जाएगा, उस व्यक्ति की आइडेंटिटी और ब्योरा पहले पूरी तरह से जांचा जाएगा। थाना स्तर पर एक नोडल ऑफिसर बनाया जाएगा जो सीधे थाने में रिपोर्ट करेगा। सीएलजी सदस्यों को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा। फिर भी कोई स्वेच्छा से जुड़ना चाहे तो उसका रिकार्ड जांचा जाएगा।
प्रदेश के DGP कपिल गर्ग ने बताया कि ‘FOP को जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। इसकी विस्तृत रिपोर्ट लगातार मैं ले रहा हूं और अन्य अधिकारी भी तमिलनाडु के अधिकारियों के साथ सम्पर्क में हैं। FOP अपराध पर लगाम और पुलिस तथा जनता के बीच सामंजस्य बिठाने के लिए सबसे सफल प्रोजेक्ट होगा। इस प्रोजेक्ट को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है।’