जयपुर: राजस्थान पुलिस अधिकारियों के लिए इन दिनों एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। अब पुलिस निरीक्षकों को अपनी क्षमता दिखाने के लिए परीक्षा पास करनी पड़ेगी। ये नया नियम राजस्थान पुलिस के डीजीपी की तरफ से निकाला गया है। दरअसल, पुलिस निरीक्षक, जो पदोन्नत हुए है उन्हें अपनी निपुणता दिखाने के लिए 50 प्रतिशत अंक लाने होंगे।
इसके लिए बाकायदा राजस्थान पुलिस अकादमी में 9 हफ्ते की ट्रेनिंग होगी और उसके बाद लिखित परीक्षा होगी। इस इंडक्शन कोर्स में जो 50 प्रतिशत अंक लाएगा वही फील्ड पोस्टिंग का हकदार होगा। अब इन अधिकारियों के लिए दिक्कत ये भी हो गई है कि लंबे समय से थाने में रहकर पुलिसिंग को मजबूत करने की कवायद करें या फिर 50 प्रतिशत अंक पाने की जद्दोजहद में समय निकालें।
बार-बार हुआ आदेश में संशोधन
पूर्व में रहे डीजीपी की तरफ से 1 मई 2018 को निकाले गए इस आदेश में परीक्षा के नाम पर कोई उल्लेख नहीं किया गया था। इसके बाद प्रदेश के नए पुलिस मुखिया की तरफ से 13 जून 2019 को आदेश में संशोधन कर परीक्षा व्यवस्था लागू की गई। जिसमें कम से कम 55 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होने की बात कही गई। फिर, 24 जून 2019 को दोबारा से संशोधन ऑर्डर निकाला गया, जिसमें 55 की जगह 50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य किया गया।
परीक्षा पर खड़े हुए सवाल
पुलिस अधिकारियों की इस परीक्षा पर अब सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल, उप अधीक्षक स्तर के अधिकारियों ने गृह विभाग को पत्र लिखकर इस परीक्षा पर सवाल उठाए हैं। नाम न बताने के एवज में अधिकारियों ने बताया है कि ‘अधिकारियों की पोस्टिंग को लेकर पुलिस एक्ट में मापदंड तय किए हुये हैं। एक्ट में अधिकारियों की पोस्टिंग में राजनीतिक दखल नहीं होने की व्यवस्था है। पुलिस निरीक्षक से लेकर पुलिस महानिदेशक तक की नियुक्ति की व्यवस्था पुलिस एक्ट 2007 में दी हुई है। हालांकि, इसकी पालना किसी भी पद के लिए नहीं की जा रही है।’
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि ये अधिकारी जो फील्ड में विपरीत परिस्थितियों में भी काम करने की दक्षता रखते हैं, उनको 50 प्रतिशत नंबर लाने के लिए दिन रात एक करना पड़ रहा है ताकि दोबारा से वह फील्ड में पोस्टिंग पा सकें।