Sunday, November 03, 2024
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'सभी मंत्रियो का नार्को टेस्ट, 60% से ज्यादा मंत्री दोषी पाए जाएंगे', राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने दिया चैलेंज

गहोलत कैबिनेट से बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। उन्होंने कहा कि सभी मंत्रियों का नार्को टेस्ट कराया जाए। 60 फीसदी से ज्यादा मंत्री दोषी पाए जाएंगे।

Edited By: Niraj Kumar
Published on: July 25, 2023 20:45 IST
राजेंद्र सिंह गुढ़ा - India TV Hindi
Image Source : एएनआई राजेंद्र सिंह गुढ़ा

जयपुर:  गहलोत कैबिनेट से बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढा ने आज झुंझुनू में कहा कि सभी मंत्रियो का नार्को टेस्ट कराना चाहिए, 60% से ज्यादा मंत्री दोषी पाए जाएंगे अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं सदा के लिए राजनीति छोड़ दूंगा। उन्होंने गहलोत सरकार पर नाइंसाफी का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि मुझे इस मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया। वे मुझसे इस्तीफा मांग लेते, मुझे नोटिस दे देते या मुझे बता देते पर उन्होंने सीधा बर्खास्त कर दिया। विधानसभा में मुझे वक्तव्य नहीं देने दिया गया। 

जो पार्टी को 21 सीटों से 99 सीटों पर ले आया, वह निकम्मा नहीं हो सकता

गहलोत एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी कथित झगड़े में पायलट का पक्ष लिया। एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में  गुढ़ा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट को 'निकम्मा', 'नकारा' और 'गद्दार' कहने के लिए गहलोत पर निशाना साधा। गुढ़ा ने कहा, 'पायलट के पिता राजेश पायलट ने कांग्रेस के लिए बरसों से काम किया। 20 साल से सचिन पायलट भी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।' कांग्रेस विधायक ने 2018 में पार्टी की परफॉर्मेंस का जिक्र करते हुए कहा, "जो (पायलट) पार्टी को 21 सीटों से 99 सीटों पर ले आया, वह 'निकम्मा' तो नहीं हो सकता।" 

सोमवार को 'लाल डायरी' को लेकर विधानसभा में हंगामा

गुढ़ा ने एक तरह से गहलोत पर कटाक्ष करते हुए कहा, ''अगर कोई व्यक्ति 200 में से 21 अंक (सीटें) लेकर आए क्या उस व्यक्ति को कर्मठ बोलेंगे'' उल्लेखनीय है कि गुढ़ा ने सोमवार को विधानसभा में 'लाल डायरी' को लेकर हंगामा किया और उसके बाद 'धक्का-मुक्की व असहज' दृश्यों के बाद उन्हें विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले महिलाओं के खिलाफ अपराध के मुद्दे पर विधानसभा में अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरने के कुछ घंटों बाद, शुक्रवार की शाम को उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया । इसके बाद से गुढा गहलोत पर निशाना साध रहे हैं। 

गुढ़ा के पास सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा, पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री का कार्यभार था। पूर्व मंत्री ने मंगलवार को यह भी दावा किया कि वह इस डायरी को विधानसभा के पटल पर रखना चाहते थे। गुढ़ा ने कहा, 'नार्को टेस्ट एक वैज्ञानिक और विश्वसनीय टेस्ट है। दुनिया भर की एजेंसियां इसे सही मानती हैं। यहां तक कि न्यायपालिका भी इसे स्वीकार करती है। मैं कह रहा हूं कि पूरी मंत्रिपरिषद का नार्को टेस्ट करवा लिया जाए, मेरा भी करवाया लिया जाए तो ये दुष्कर्म एवं भ्रष्टाचार की बाते हैं। कौन झूठ बोल रहा है, कौन सच बोल रहा है, सब सामने आ जाएगी।' 

यह पूछे जाने पर कि क्या डायरी में सिर्फ एक मंत्री या कई मंत्रियों का जिक्र है, गुढ़ा ने कहा, "यहां कांग्रेस की सरकार नहीं है, गहलोत की सरकार है। वह गृह मंत्री, वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री हैं। साथ ही, पीसीसी प्रमुख और राज्य कांग्रेस प्रभारी उनकी जेब में हैं। सारा सिस्टम आल इन वन है। एक आदमी ही सिस्टम है उसको उस डायरी से बहुत खतरे थे।' पूर्व मंत्री ने कहा, 'ये मेरे पर आरोप लगा रहे हैं कि मैं भाजपा से मिला हुआ हूं 2008 में बहुमत नहीं था गहलोत जी के पास छह विधायक मैंने दिए तब वह सरकार बना पाए अल्पमत में थे वे।' उल्लेखनीय है कि गुढ़ा उन छह विधायकों में से एक हैं जिन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर जीता लेकिन बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। पूर्व मंत्री ने कहा, "मुख्यमंत्री मेरे बेटे के जन्मदिन पर मेरे निर्वाचन क्षेत्र में आए थे। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर गुढ़ा नहीं होते तो वह आज मुख्यमंत्री नहीं होते।" (इनपुट-भाषा)

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