राजस्थान के सिकन्दरा में एक होटल में नगर निगम के अधिकारियों और होटल मालिक के बीच तीखी बहस हुई। यहां नगर निगम की टीम चाय नाश्ते के लिए रुकी थी। हालांकि, होटल मालिक ने लगभग 15000 रुपये का बिल थमा दिया। इसके बाद नगर निगम के अधिकारियों ने बिल कम कराने को लेकर काफी देर तक बहस की। होटल मालिक का कहना है कि 2000 का डिस्काउंट देने पर भी अधिकारी नहीं माने और डराने-धमकाने के बाद पैसे दिए बिना चले गए।
होटल मालिक की तरफ से यह साफ नहीं किया गया है कि नगर निगम की टीम के कितने लोगों ने चाय-नाश्ता किया था और नाश्ते में ऐसा क्या लिया था, जिसका बिल 15000 रुपये के करीब पहुंच गया। इस मामले में कोई आधिकारिक शिकायत नहीं हुई है।
डिस्काउंट के लिए बनाया दबाव
घटना सिकंदरा के एक होटल की है, जहां पर आयोध्या यात्रा के लिए जा रही नगर निगम के अधिकारियों और पार्षदों की बस चाय नाश्ता करने के लिए रुकी थी। चाय-नाश्ते के बाद होटल के मालिक ने 14,700 रुपया का बिल नगर निगम ग्रेटर जयपुर के अधिकारियों को थमा दिया। इस दौरान नगर निगम ग्रेटर कि पशु शाखा की उपायुक्त रजनी मादिवाल और अग्निशमन शाखा की उपायुक्त सरिता चौधरी ने होटल के बिल को लेकर काफी बहस की। अधिकारियों ने होटल मालिक से डिस्काउंट की डिमांड के लिए बार बार प्रेशर बनाया गया।
डिस्काउंट के बाद भी नहीं दिए पैसे
होटल मालिक ने नगर निगम के अधिकारियों के कहने पर 14,700 रुपये के बिल में से 2,000 का डिस्काउंट देकर 12,700 रुपये चुकाने को कहा। हालांकि, अग्निशमन शाखा की उपायुक्त ने दही का भाव बताते हुए होटल के मैनेजर के साथ बदसलूकी की। यह पूरी घटना होटल के CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। होटल मालिक का कहना है कि खाना खाने से पहले डिस्काउंट को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई, लेकिन खाना खाने के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने होटल के स्टाफ को डराया-धमकाया और कार्रवाई की धमकी दी। इसके अलावा अधिकारियों ने पैसे नहीं चुकाए।
नगर निगम के खर्चे पर था दौरा
नगर निगम के अधिकारी पार्षदों के साथ अयोध्या में प्रभु श्रीराम के दर्शनों के लिए जा रहे थे, लेकिन प्रभु श्रीराम के दर्शनों से पहले उन्होंने अपनी हेकड़ी दिखाई और टोल के ठीक पास स्थित इस होटल में जमकर बहस बाजी की। यह पूरा दौरा नगर निगम ग्रेटर के खर्चे पर होना था। हालांकि, 14,700 रुपये का नाश्ता अधिकारियों को मंजूर नहीं था। ऐसे में उन्होंने होलट मालिक के साथ बहस करना बेहतर समझा।