![परिजनों ने अस्पताल के बाहर दिया धरना](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के मुख्यालय स्थित आरुणि हॉस्पिटल में एक मरीज के रहस्यमय तरीके से गायब होने और फिर उसकी डेड बॉडी पड़ोस की बिल्डिंग की छत पर मिलने से सनसनी फैल गई है। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है।
मामला क्या है?
हेतमसर गांव निवासी संजीव जाट (45) को लिवर की समस्या के चलते 23 जनवरी को झुंझुनूं के आरुणि हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। संजीव की तबीयत में सुधार हो रहा था, लेकिन 27 जनवरी की सुबह तड़के करीब 4:00 बजे अस्पताल के बेड से गायब पाया गया। अस्पताल प्रशासन और संजीव के परिजनों ने उसकी तलाश की, लेकिन दिनभर खोजने के बावजूद उसका कोई सुराग नहीं मिला। सोमवार की रात संजीव की लाश अस्पताल के पीछे स्थित दूसरी बिल्डिंग की छत पर मिली।
क्या है परिजनों का आरोप?
संजीव के चचेरे भाई होशियार सिंह ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि संजीव रविवार रात से ही गायब था, लेकिन अस्पताल ने न तो परिवार को इसकी सूचना दी और न ही पुलिस को जानकारी दी। होशियार सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि अगर अस्पताल समय रहते सतर्कता बरतता, तो शायद संजीव की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने संजीव की मौत के मामले को थाने में दर्ज कराया है।
अस्पताल के सामने धरना
संजीव की लाश मिलने के बाद आक्रोशित परिवार वाले और ग्रामीणों ने अस्पताल के सामने धरने दिया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए अस्पताल को सील करने की मांग की। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने शव लेने से भी इनकार कर दिया, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
प्रशासन ने संभाला मोर्चा
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने रात के समय आरएसी (रैपिड एक्शन फोर्स) के जवानों को अस्पताल की सुरक्षा के लिए तैनात किया। झुंझुनूं पुलिस के डीएसपी वीरेंद्र शर्मा और कोतवाली थानाधिकारी नारायण सिंह ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की, लेकिन वार्ता असफल रही।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि संजीव अस्पताल से गायब कैसे हुआ और उसकी मौत के पीछे क्या कारण है? इस घटना ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का कहना है कि अगर समय रहते अस्पताल सतर्कता बरतता, तो शायद संजीव की जान बचाई जा सकती थी।
(रिपोर्ट- अमित शर्मा)
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