राजस्थान में शनिवार को विधानसभा चुनाव में रात 9 बजे तक 73.48 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। राज्य में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है। दोनों ही दलों के नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी को जनादेश मिलने की उम्मीद जताई है। अधिकारियों के अनुसार, हिंसा की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में राज्य में कुल मतदान प्रतिशत लगभग 74.06 प्रतिशत रहा था।
5 बजे तक हुआ था 68.24 प्रतिशत मतदान
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि शाम 5 बजे तक 68.24 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला। उनका कहना था कि हालांकि अनेक जगह मतदाता मतदान केंद्रों पर कतारों में खड़े थे जिनके द्वारा वोट डाले जाने के बाद ही मत प्रतिशत का अंतिम आंकड़ा सामने आएगा। उन्होंने बताया कि शाम 6 बजे तक 68.24 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला और अभी मतदान चल रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें अगर डाक मत पत्रों का प्रतिशत मिला लिया जाए तो मतदान प्रतिशत 69 प्रतिशत से अधिक हो जाता है। बाद में भारत निर्वाचन आयोग ने बताया कि राजस्थान में रात 9 बजे तक 73.48% मतदान दर्ज किया गया है।
इन जिलों में हुआ सबसे ज्यादा मतदान
चुनाव आयोग के अनुसार शाम 5 बजे तक सबसे अधिक मतदान जैसलमेर जिले में हुआ। हनुमानगढ़ और धौलपुर जिले दूसरे नंबर पर रहे। गुप्ता ने कहा कि जिन मतदान केंद्रों पर झड़प की घटनाएं हुई हैं वहां पुनर्मतदान के बारे में फैसला पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कहीं भी मतदान प्रक्रिया रुकने की सूचना नहीं है। कुछ बूथों पर ईवीएम की खराबी पर उन्होंने कहा कि गड़बड़ी की संख्या राष्ट्रीय औसत से कम है।
भाजपा-कांग्रेस ने किए अपने-अपने दावे
सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा के नेताओं ने दिन में मीडिया से बातचीत में विश्वास जताया कि उनकी पार्टी को जनादेश मिलेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में कहा कि कांग्रेस के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है और पार्टी राज्य में फिर से सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि कोई ‘अंडरकरंट’ है। ऐसा लगता है कि (कांग्रेस) सरकार दोबारा बनेगी।’’ वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़ में पत्रकारों से बातचीत में गहलोत के ‘अंडरकरंट’ वाले बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘मैं उनसे सहमत हूं। वास्तव में एक ‘अंडरकरंट’ है लेकिन यह भाजपा के पक्ष में है। 3 दिसंबर को कमल यानी (भाजपा का चुनाव चिह्न) खिलेगा।’’
एक गांव में मतदान का बहिष्कार
अधिकारियों ने कहा कि मतदान के दौरान जहां एक गांव में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया, वहीं कुछ हिस्सों में विभिन्न उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच मामूली झड़प हुई। सिरोही जिले के पिंडवाड़ा आबू निर्वाचन क्षेत्र के चारवली गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया। एक अधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों की मांग उनकी ग्राम पंचायत को बदलने और उनके गांव के पास राजमार्ग के किनारे एक ‘सर्विस रोड’ के निर्माण की है। गांव में 890 मतदाता हैं। अधिकारियों ने उन्हें वोट देने के लिए मनाने की कोशिश की। वहीं राजस्थान के पाली जिले में एक राजनीतिक दल के एजेंट की शनिवार को मौत हो गई।
कहीं झड़प तो कही चले पत्थर
थानाधिकारी इंद्राज सिंह ने बताया कि बूथ संख्या 128 पर दो पक्षों के बीच पत्थरबाजी में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। धौलपुर की बाड़ी सीट पर दो उम्मीदवारों के समर्थकों के दो समूहों के बीच झड़प हुई। धौलपुर के जिलाधिकारी अनिल कुमार अग्रवाल ने कहा, "एक चुनाव एजेंट और एक अन्य व्यक्ति के बीच बहस हुई जिसके बाद मतदान केंद्र के बाहर पथराव और हाथापाई हुई। दो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। मतदान कुछ समय के लिए रोक दिया गया जो बाद में फिर से शुरू हुआ।" वहीं, फतेहपुर में भी दो पक्षों में झगड़ा हुआ। फतेहपुर के पुलिस उपाधीक्षक रामप्रताप ने कहा, "मतदान केंद्र के बाहर पथराव हुआ। पथराव में एक जवान घायल हो गया। कोई आम व्यक्ति घायल नहीं हुआ। पांच-सात लोगों को हिरासत में लिया गया है।" डीग जिले के कामां के सांवलेर गांव में पथराव में एक पुलिसकर्मी सहित दो लोग घायल हो गए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में 12 गोलियां चलाईं। डीग के पुलिस अधीक्षक बृजेश उपाध्याय ने कहा कि घटना के कारण मतदान कुछ मिनट के लिए बाधित हुआ।
राज्य में कुल 200 सीट हैं लेकिन गंगानगर जिले की करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के बाद वहां चुनाव स्थगित कर दिया गया है।
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