Tuesday, November 19, 2024
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कॉलेज की 100 से ज्यादा लड़कियों से गैंगरेप, एक को छोड़ने के लिए रखते थे दूसरी लाने की शर्त; 32 साल बाद आया फैसला

राजस्थान के अजमेर जिले में 32 साल बाद गैंगरेप और ब्लेकमेलिंग के मामले पर कोर्ट का फैसला आया है। कोर्ट में मामले में शामिल 6 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बता दें कि इस मामले में 100 से ज्यादा कॉलेज की लड़कियों के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था।

Edited By: Amar Deep
Published on: August 20, 2024 15:51 IST
कोर्ट ने 32 साल बाद सुनाया फैसला।- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV कोर्ट ने 32 साल बाद सुनाया फैसला।

अजमेर: जिले में हुए देश के बहुचर्चित नग्न चित्र ब्लैकमेल कांड में आज कोर्ट का फैसला आया। इस केस में 32 साल के बाद आए फैसले के तहत कोर्ट ने बाकी बचे सात में से छह आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। बता दें कि ब्लैकमेल कांड में शामिल आरोपी नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी और सैयद जमीर हुसैन हैं। इन सभी आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 

एक लड़की को छोड़ने के लिए रखते थे दूसरी लाने की शर्त

दरअसल, आरोपियों ने पहले एक लड़की को अपने चंगुल में फंसाया। इसके बाद पहली लड़की को छोड़ने के बदले उसके सामने दूसरी लड़की लाने की शर्त रखते थे। इस तरह एक के बाद एक 100 से ज्यादा कॉलेज की लड़कियों के साथ आरोपियों ने गैंगरेप किया। गैंगरेप के दौरान आरोपी लड़कियों की नग्न फोटो खींच लेते थे। इसी दौरान एक कलर लैब से कई लड़कियों की नग्न फोटो शहर भर में फैल गई। बता दें कि ये कहानी करीब 32 साल पुराने मामले की है, जिस पर आज कोर्ट का फैसला आया।

'अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड'

इस पूरे मामले में 18 आरोपी थे, जिनमें से 9 को सजा हो चुकी है। नफीस चिश्ती, सलीम चिश्ती, सोहेल गनी, जमीर हुसैन, इकबाल भाटी और टार्जन को लेकर आज फैसला आया है। अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इस पूरे स्कैंडल को 32 साल पहले 'अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड' नाम दिया गया था। इस मामले में अनवर चिश्ती, फारूख चिश्ती, परवेज अंसारी, मोइनुल्ला उर्फ पुत्तन इलाहाबादी, इशरत उर्फ लल्ली, कैलाश सोनी, महेश लुधानी, शमशु चिश्ती उर्फ मेंराडोना व टार्जन को गिरफ्तार किया गया था।

यह था पूरा मामला

अजमेर में यूथ कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष फारुख चिश्ती, उसका साथी नफीस और उसके गुर्गे कॉलेज की लड़कियों को अपना शिकार बनाते थे। फार्महाउस और रेस्टोरेंट में पार्टियों के नाम पर लड़कियों को बुलाते थे और फिर उन्हें नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ गैंगरेप करते थे। इसके बाद आरोपी उनकी न्यूड तस्वीरें खींच लेते थे। न्यूड तस्वीरों के नाम पर आरोपी लड़कियों को ब्लैकमेल कर दूसरी लड़कियों को अपने साथ लाने का दबाव बनाते थे। इस तरह एक के बाद एक लकड़ियां इनके चंगुल में फंसती चली गई।  

18 पीड़िताओं ने दिए थे बयान

मामले का खुलासा होने से पहले कुछ लड़कियां हिम्मत जुटा कर पुलिस के पास भी गईं, लेकिन पुलिस ने केवल बयान दर्ज कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। उधर आरोपियों ने बयान देने वाली लड़कियों को धमकाना शुरू कर दिया। एक तो आरोपियों का खुले आम घूमना और फिर धमकी देने का असर यह हुआ कि फिर वो लड़कियां कभी पुलिस के सामने नहीं गईं। हालांकि बाद में 18 पीड़िताओं ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में बयान दिया। बाकी लड़कियां भूमिगत हो गईं।

कलर लैब से लीक हुईं तस्वीरें

'अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड' का खुलासा अजमेर के एक कलर लैब से हुआ। जब वहां रखे कुछ अश्लील फोटो लीक हो गए और शहर में चर्चा शुरू हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की तो इस स्कैंडल का खुलासा हुआ। अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड में 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ दुष्कर्म हुआ था। शुरुआती जांच में एक भी पीड़िता सामने नहीं आ रही थी, जिसके बाद पुलिस उन तस्वीरों के जरिए लड़कियों तक पहुंचने लगी। इस मामले के बाद कुछ लड़कियों ने तो आत्महत्या भी कर ली। (इनपुट- राजकुमार वर्मा)

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