Wednesday, January 15, 2025
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राजस्थान के उन 5 हस्तियों के बारे में जानिए जिन्हें मिलेगा पद्मश्री, 'बहरूपिया बाबा' ने कही ये बात

राजस्थान के रहने वाले पांच लोगों को पद्मश्री अवॉर्ड मिलेगा। केंद्र सरकार की ओर से इस साल के पद्म पुरस्कारों की घोषणा में राज्य के पांच लोगों को यह पुरस्कार मिलेगा।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Jan 26, 2024 22:47 IST, Updated : Jan 26, 2024 22:54 IST
बहरूपिया कलाकार जानकीलाल
Image Source : SOCIAL MEDIA बहरूपिया कलाकार जानकीलाल

जयपुरः इस साल के लिए पद्म पुरस्कार के लिए चुनी गईं हस्तियों में राजस्थान से बहरूपिया कलाकार जानकीलाल और ध्रुपद गायक लक्ष्मण भट्ट तैलंग सहित पांच लोग शामिल हैं। राजस्थान से मांड गायक बंधु अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद और सड़क सुरक्षा कार्यकर्ता माया टंडन को भी पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। बीकानेर के रहने वाले अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद बंधुओं को संयुक्त रूप से यह पुरस्कार मिलेगा।

कौन हैं माया टंडन 

माया टंडन को यह पुरस्कार सामाजिक कार्य श्रेणी के तहत मिलेगा जबकि बाकी तीन पुरस्कार कला की श्रेणी के तहत दिए जाएंगे। जेके लोन सरकारी अस्पताल के अधीक्षक पद से सेवानिवृत्त होने के बाद माया टंडन पिछले 29 साल से सड़क सुरक्षा पर जागरूकता और प्रशिक्षण पहल में योगदान दे रही हैं। उन्होंने इस घोषणा के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। टंडन (86) ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया, सेवानिवृत्ति के बाद, मैंने एक ट्रस्ट के माध्यम से सड़क सुरक्षा पर जागरूकता पैदा करने और सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान बचाने के लिए काम करना चुना। 

जागरूकता फैला रही हैं माया

पिछले 29 साल में, ट्रस्ट ने राजस्थान और दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में जीवन रक्षक तरीकों के बारे में जागरूकता पैदा की है।’’ ट्रस्ट की ओर से स्कूल, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, सरकारी संस्थानों आदि में सड़क सुरक्षा और जीवन रक्षक तरीकों के बारे में जागरूकता शिविर लगाए जाते हैं।

 जानकीलाल के बारे में जानें

भीलवाड़ा के जानकीलाल (81) को लोग 'बहरूपिया बाबा' के नाम से भी जाते हैं। उन्होंने बहरूपिया यानी भांड कला को विदेशों तक पहचान दिलायी है। वह पौराणिक कथाओं, लोक कथाओं और पारंपरिक कहानियों के कई पात्रों का अभिनय करते हुए बहरूपिया के रूप में अभिनय करते हैं। उन्होंने मेवाड़ क्षेत्र में स्थानीय कला को भी बढ़ावा दिया। वित्तीय कठिनाई और सीमित संस्थागत समर्थन के बावजूद, उन्होंने कला के प्रति अपना जुनून और प्रतिबद्धता बनाए रखी है।

उन्होंने भीलवाड़ा में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं अपने पिता के साथ प्रदर्शन करते समय बंदर का अभिनय करता था। यह मेरा जुनून है।’’ जानकीलाल कालबेलिया, काबुली पठान, नारद मुनि, भगवान शिव, माता पार्वती, साधु, दूल्हा-दुल्हन सहित विभिन्न रूप धारण कर दशकों से लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं।

लक्ष्मण भट्ट तैलंग कौन हैं

जयपुर के लक्ष्मण भट्ट तैलंग को ध्रुपद गायकी का संत साधक भी कहा जाता है। उन्होंने गायन की नयी शैली 'पचरंग' रची है। उल्लेखनीय है कि पद्म पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। 'पद्मश्री' किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है।

(इनपुट-भाषा)

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