जयपुर. प्रदूषण देश के लिये बड़ी चुनौती है और इस प्रभाव को कम करने के लिये अपसाइक्लिंग सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक है। जयपुर के कार्टिस्ट हिमांशु जांगिड ने इस चुनौती से निपटने और एक नयी तरह की सोच के साथ नया तरीका इजाद किया है वो है अपसाईकिल ऑटो पार्टस के जरिये बनाये गये फर्नीचर, जिसमें पुरानी कार के पार्टस को ऑटोमोटिव वेस्ट के उपयोग से नया लुक दे दिया गया है।
इन प्रोडेक्टस को देखकर आप कतई ये अंदाजा नहीं लगा सकते कि जो समान कुछ दिन पहले आपके कबाड़ मे रखे हुये थे, वो अब आपके घर के डाईिनिंग एरिया की शोभा बढ़ा रहे हैं। अपसाईकिलिंग ऑटोमोबाईल पार्ट्स को अपनाकर पुराने ऑटोमोबाईल को दूसरा जीवन देकर एक स्थायी ऑटो आर्ट इकोसिस्टम बनाने और रिसाईक्लिंग, स्क्रैपिंग की लागत को कम करके संसाधनों को बचाया जा रहा है।
दरअसल ये प्रयास ससेटन बाय कार्टिस्ट यानी पुरानी कारों को फर्नीचर मे बदने के लिये समाधान के रुप मे एक पहल है जिसमे भारत के कलाकारों और शिल्पकारों और लुप्त हो रही कलाओं को भी शामिल किया गया है।
जवाहर कला केन्द्र में सस्टेन बाय 'कार्टिस्ट' का आयोजन'
कार्टिस्ट अपने नाम से अपने बारे मे पूरा बखान कर रहा है यानी पुरानी कारों को एक नया रूप देने वाल आर्टिस्ट कार्टिस्ट..हिमांशु जांगिड ने बताया कि ये ट्रेंड मे है क्योंकि देखा जा रहा है कि घर से लेकर दफ्तर तक हर कोई अपने पास यूनिक चीजों का संग्रह करना चाहता है। इसी कड़ी मे हमने विन्टेज कारों से लेकर पुरानी कारों के मॉडल से घर के फर्नीचर तक बनाए है, जो ट्रेंडी भी है और यूनिक भी, जिसे देखकर हर कोई तारीफ कर रहा है। हिमांशु जांगिड ने बताया कि खास बात ये है कि कबाड़ जिसका अपशिष्ट हमारे लिये बहुत नुकसान दायक है और उस अपशिष्ट का प्रयोग कर हम इस कलाकारी का नायाब नमूना आम लोगों तक पेश कर रहे है। आने वाले दिनो मे इसे देश से लेकर विदेश तक पहुंचायेंगे।