राजस्थान में अब तक 58 हजार से अधिक मतदाताओं ने घर से मतदान अर्थात ‘होम वोटिंग’ का विकल्प चुना है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, राज्य में 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों एवं 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग श्रेणी के विशेष पात्र मतदाताओं के लिए राज्य में पहली बार लोकसभा चुनाव में ‘होम वोटिंग’ की पहल की गई है। अब तक करीब 58 हजार पात्र मतदाताओं ने घर से मतदान करने का विकल्प चुना है। इनमें 43,638 वरिष्ठ नागरिक और 14,385 दिव्यांग मतदाता शामिल हैं।
घर-घर जाकर करवाया जाएगा मतदान
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राज्य के सभी 25 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) द्वारा ‘होम वोटिंग’ के लिए इच्छुक पात्र मतदाताओं के रजिस्ट्रेशन का कार्य किया जा रहा है। लोकसभा क्षेत्रों के लिए अभ्यर्थियों के नाम तय हो जाने के बाद घर-घर जाकर मतदान करवाया जाएगा। उन्होंने एक बयान में बताया कि पहले चरण के मतदान वाले लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में होम वोटिंग के लिए 27 मार्च तक रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। अब तक 35,542 लोगों ने होम वोटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें 26,371 वरिष्ठ नागरिक और 9,171 दिव्यांग मतदाता शामिल हैं।
5 अप्रैल से 14 अप्रैल तक वोटिंग
बयान के अनुसार, निर्वाचक अधिकारी होम वोटिंग का विकल्प चुनने वाले मतदाताओं की सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों को एक अप्रैल तक उपलब्ध करवाएंगे। इसके बाद विशेष मतदान दल गठित कर उनके प्रशिक्षण की सभी प्रक्रिया 4 अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी। ये विशेष टीमें राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की मौजूदगी में रजिस्टर्ड मतदाताओं के घर पहुंचकर पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करवाएंगी। होम वोटिंग के लिए मतदान प्रक्रिया 5 अप्रैल से शुरू होकर 14 अप्रैल तक चलेगी। किसी कारण से मतदाता के होम वोटिंग के लिए अनुपस्थित या वंचित रह जाने पर दूसरा चरण 15 से 16 अप्रैल के बीच होगा।
दूसरे चरण के चुनाव के लिए होम वोटिंग कब?
यह भी बयान में कहा गया है कि राज्य में दूसरे चरण में जिन लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा, वहां होम वोटिंग के लिए दो अप्रैल तक आवेदन किया जा सकता है। अब तक करीब 22,500 पात्र मतदाताओं ने पंजीकरण कराया है। इनमें 17,324 वरिष्ठ नागरिक और 5,222 दिव्यांग मतदाता शामिल हैं। बयान के अनुसार, निर्वाचन अधिकारी होम वोटिंग का विकल्प चुनने वाले मतदाताओं की सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को आठ अप्रैल तक उपलब्ध कराएंगे। इसके बाद होम वोटिंग के लिए विशेष मतदान दल गठित कर उनके प्रशिक्षण की सभी प्रक्रिया 13 अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी। होम वोटिंग के लिए मतदान प्रक्रिया 14 अप्रैल से शुरू होकर 21 अप्रैल तक चलेगी। किसी वजह से मतदाता के होम वोटिंग के लिए अनुपस्थित या वंचित रह जाने पर दूसरा दौर 22 से 23 अप्रैल के बीच होगा। उन्होंने बताया कि समावेशी चुनाव की दिशा में चुनाव आयोग ने होम वोटिंग की पहल की है।
किन्हें मिलती है होम वोटिंग की सुविधा?
राजस्थान में बीते दिनों विधानसभा आम चुनाव-2023 के दौरान यह नवाचार सफलतापूर्वक किया गया। होम वोटिंग का मतदान 99 प्रतिशत रहा था। करीब 61,424 मतदाताओं ने घर से मतदान किया था। इसमें 49,650 वरिष्ठ नागरिक (80 वर्ष से अधिक आयु) और 11,774 दिव्यांग शामिल थे। गुप्ता ने बताया कि यह सुविधा विकल्प के रूप में है। लोकसभा चुनाव के लिए होम वोटिंग की सुविधा ऐसे मतदाताओं को मिलती है, जो 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों हों या 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता श्रेणी वाले हों। इसके तहत घर-घर जाकर होम वोटिंग की सुविधा के लिए पात्र मतदाताओं को इसके संबंध में जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है। पात्र मतदाता सुविधा का चयन करने के लिए फॉर्म 12-डी भरकर बीएलओ को देंगे। (भाषा)